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Ghosi Bypoll 2023: उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर रार छिड़ी हुई है तो उससे पहले यूपी के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर भी काफी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है. यह चुनाव भाजपा और सपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है और दोनों पार्टी जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं, तो वहीं यूपी की राजनीति में अहम रोल निभाने वाली बसपा पार्टी ने अभी तक घोसी में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. इसको लेकर सियासी चर्चा तेज है और तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो बसपा के लिए घोसी विधानसभा की सीट शुरू से ही एक बड़े जनाधार का हिस्सा रही है. ऐसा कहा जाता है कि घोसी विधानसभा से करीब 60 हजार वोट बसपा के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं. ऐसे में अभी तक घोसी उपचुनाव के लिए बसपा की ओर से अपने किसी प्रत्याशी का नाम घोषित न करना चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं अगर सूत्रों की मानें तो बसपा घोसी में होने जा रहे उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतार रही है, लेकिन अभी इसको लेकर कुछ कहा भी नहीं जा सकता है, क्योंकि घोसी उपचुनाव में उम्मीदवार उतारे जाने या न उतारे जाने को लेकर अधिकारिक तौर पर बसपा की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.
मायावती ने दिए ये संकेत
माना जा रहा है कि अगर बसपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारती है तो इस सीट पर सीधी टक्कर भाजपा और सपा के बीच ही देखने को मिलेगी, जो कि पहले से ही ताल ठोके बैठे हैं. क्योंकि भाजपा ने सपा के ही बागी नेता दारा सिंह चौहान को यहां से मैदान में उतारा है, जो कि हाल ही में सपा को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं तो वहीं सपा ने इस सीट पर एक बार फिर सुधाकर सिंह पर भरोसा जताया है और उनको यहां से उतारा है वह यहां से 2012 में विधायक रह चुके हैं. तो वहीं माना जा रहा है कि, बसपा ने घोसी उपचुनाव में अपना उम्मीदवार न उतार कर इंडिया गठबंधन के नेताओं को लोकसभा 2024 के लिए खास संदेश दिया है.
दोनों के लिए साथ बनी घोसी सीट
जहां एक ओर भाजपा ने सपा के ही बागी नेता पर भरोसा जताया है तो वहीं सपा ने भी अपने बागी नेता को मजा चखाने की ठान रखी है और हर हाल में भाजपा को हराने के लिए तैयारी की जा रही है. ऐसे में घोसी उपचुनाव में दोनों की ही साख लगी है और दोनों राजनीतिक दल अपनी-अपनी साख बचाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. तो वहीं लोकसभा 2024 चुनाव के लिए भी इस सीट को बड़ा दांव माना जा रहा है. जहां एक ओर ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह, जो कि दोनों ही सपा का साथ छोड़कर भाजपा खेमे में आए हैं, को लेकर बीजेपी दांव खेल रही है और चुनाव में जीत हासिल करने का दावा कर रही है तो वहीं अगर भाजपा ये चुनाव जीत जाती है तो माना जा रहा है कि वह इंडिया गठबंधन को घेर सकती है. तो वहीं सपा इंडिया गठबंधन में खुद को साबित करने के लिए इस चुनाव को जीतने के लिए एड़ी-चोटी की जोर लगा रही है. हालांकि इस सबके बीच जो खबर सामने आ रही है वो ये कि भाजपा ये चाह रही है कि घोसी सीट को लेकर मायावती जल्द ही कोई फैसला करें और इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारें, ताकि उसको ये सीट जीतना आसान हो जाए. तो वहीं बसपा की ओर से अभी तक इस को लेकर कोई संकेत न देने पर भाजपा मुश्किल में दिखाई दे रही है.
-भारत एक्सप्रेस