इल्तिजा मुफ्ती
Iltija Mufti: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को यूएई में स्टडी करने के लिए दो साल का ‘देश विशिष्ट पासपोर्ट’ जारी किया गया है. जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध जांच विभाग ने पासपोर्ट जारी करने के खिलाफ प्रतिकूल रिपोर्ट दी थी. इल्तिजा ने पासपोर्ट के लिए अपने आवेदन को मंजूरी नहीं मिलने के बाद जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इल्तिजा ने पिछले साल आठ जून को नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. उनके पासपोर्ट की अवधि इस साल दो जनवरी को खत्म हो गई थी.
दो शर्तों के साथ जारी हुआ पासपोर्ट
अदालत ने आरपीओ को मामले के गुण-दोष पर गौर करने का निर्देश दिया था. आरपीओ द्वारा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को लिखे गए एक पत्र के अनुसार, इल्तिजा को पासपोर्ट जारी किया गया है जो 5 अप्रैल, 2023 से 4 अप्रैल, 2025 तक वैध है. इल्तिजा ने उच्चतर शिक्षा हासिल करने के लिए विदेश की इच्छा जताई थी. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह पासपोर्ट सिर्फ यूएई के लिए वैध होगा.’’
अधिकारियों ने आरपीओ के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि फरवरी में जम्मू कश्मीर के विशेष पुलिस महानिदेशक से प्राप्त सीआईडी/पुलिस सत्यापन रिपोर्ट उन्हें पासपोर्ट जारी करने के पक्ष में नहीं थी. अधिकारियों के मुताबिक, पासपोर्ट अधिकारी (श्रीनगर) दविंदर कुमार ने सीआईडी से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी कि क्या इल्तिजा के खिलाफ कोई आरोपपत्र या प्राथमिकी है. हालांकि, विभाग ने अपनी रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया और फरवरी में अपनाए गए अपने रुख को दोहराया.
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इल्तिजा ने उठाए सवाल
वहीं इस पासपोर्ट पर इल्तिजा ने सवाल किया कि इसकी वैधता केवल दो साल के लिए ही क्यों है और वह भी देश विशेष के लिए? पीटीआई की खबर के मुताबिक, इल्तिजा ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझ पर कोई एहसान नहीं किया. मैं अदालत की शुक्रगुजार हूं लेकिन पासपोर्ट को हथियार बनाकर सीआईडी के घोर कदाचार और सत्ता के दुरुपयोग के बारे में बड़ा सवाल बना हुआ है.’’
महबूबा मुफ्ती की बेटी ने कहा कि सीआईडी की प्रतिकूल रिपोर्ट ‘‘झूठ’’ से भरी है. इल्तिजा ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘वे मेरे पासपोर्ट जारी नहीं किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिकूल रिपोर्ट देकर मेरे अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिकूल रिपोर्ट को गोपनीय सूचना के रूप में रखा गया है. इसके गोपनीय सूचना होने का एकमात्र कारण यह है कि सीआईडी के पास मेरे खिलाफ कुछ भी ठोस प्रमाण नहीं है.’’