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LIC के विरोध में क्यों आए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री MK Stalin, इस कारण खड़ा हुआ विवाद

पट्टाली मक्कल काची (PMK) के संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने भी LIC पर सवाल उठाए हैं. पिछले कई महीनों से एमके स्टालिन और उनके डिप्टी उदयनिधि स्टालिन तमिल संस्कृति और भाषा के संरक्षण के बारे में बात कर रहे हैं.

एमके स्टालिन. (फाइल फोटो: IANS)

Tamil Nadu CM MK Stalin slams LIC: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की वेबसाइट पर हिंदी भाषा (Hindi Language) का इस्तेमाल करने पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पोर्टल को ‘हिंदी थोपने के लिए एक प्रचार उपकरण तक सीमित कर दिया गया है’.

माइक्रोब्लॉगिंग साइट X पर एक पोस्ट में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) प्रमुख स्टालिन ने कहा, ‘LIC की वेबसाइट को हिंदी थोपने के लिए एक प्रचार उपकरण बना दिया गया है. यहां तक ​​कि अंग्रेजी चुनने का विकल्प भी हिंदी में प्रदर्शित किया जाता है!’

Cultural Imposition

उन्होंने कहा कि हिंदी का प्रयोग एक कल्चरल इंपोजिशन है. स्टालिन ने पूछा, ‘यह सांस्कृतिक और भाषाई दबाव है, जो भारत की विविधता को कुचल रहा है. LIC सभी भारतीयों के संरक्षण से विकसित हुआ है. इसने अपने अधिकांश योगदानकर्ताओं को धोखा देने की हिम्मत कैसे की?’ उन्होंने कहा, ‘हम इस भाषाई अत्याचार को तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं.’ उन्होंने पोस्ट में ‘हिंदी थोपना बंद करो’ हैशटैग भी दिया है.

S. Ramadoss ने उठाए सवाल

पट्टाली मक्कल काची (PMK) के संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने इसे ‘अन्य भाषा-भाषी लोगों पर हिंदी थोपना’ करार दिया. रामदास ने एक X पोस्ट में कहा, ‘केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां ​​लंबे समय से तमिल समेत दूसरी भाषाएं बोलने वाले लोगों पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रही हैं. भले ही वे इस कोशिश में कई बार जल जाएं, लेकिन वे कभी हार नहीं मानते. चाहे केंद्र सरकार हो या LIC, उन्हें यह एहसास होना चाहिए कि वे सभी लोगों के हैं, सिर्फ हिंदी भाषी लोगों के नहीं.’

तमिल भाषा का संरक्षण

पिछले कई महीनों से एमके स्टालिन और उनके डिप्टी उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) तमिल संस्कृति और भाषा के संरक्षण के बारे में बात कर रहे हैं. बीते अक्टूबर महीने में स्टालिन ने एक समारोह में राज्य गान में ‘द्रविड़’ के संदर्भ में छूटे हुए वाक्य को लेकर राज्यपाल आरएन रवि से कई सवाल पूछे थे.

यह घटना दूरदर्शन चेन्नई में हिंदी माह समारोह के दौरान हुई, जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया. स्टालिन ने ‘सुझाव’ दिया था कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी-उन्मुख कार्यक्रम आयोजित करने से बचा जा सकता है. इसके बजाय संबंधित राज्यों में स्थानीय भाषा माह के उत्सव को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस



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