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BSL Bank Fraud Case: कोर्ट ने गिरफ्तार आरोपी की जांच के लिए एम्स के निर्देशक को मेडिकल बोर्ड गठित करने का दिया निर्देश

विशेष न्यायाधीश जगदीश कुमार ने कंपनी के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी नितिन जौहरी की एक अर्जी पर आदेश पारित किया, जिसे जनवरी में गिरफ्तार किया गया था.

Rouse Avenue Court

राउज एवेन्यू कोर्ट (फोटो- सोशल मीडिया)

राउज एवेन्यू कोर्ट ने भूषण स्टील लिमिटेड से जुड़े 56,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार एक आरोपी की जांच के लिए एम्स के निदेशक को एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया है.

विशेष न्यायाधीश जगदीश कुमार ने कंपनी के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी नितिन जौहरी की एक अर्जी पर आदेश पारित किया, जिसे जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. आरोपी ने चिकित्सा आधार पर नियमित जमानत/अंतरिम जमानत के लिए आवेदन दायर कर कहा उसे गंभीर बीमारी के लिए जेल में उचित उपचार नहीं मिल रहा.

ईडी ने अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि जौहरी की बीमारी इतनी गंभीर नहीं है कि उसका हिरासत में इलाज नहीं किया जा सके. केंद्रीय धन शोधन निरोधक एजेंसी ने कहा कि उनकी स्थिति पर मेडिकल बोर्ड से राय ली जा सकती. अदालत ने 6 जून को पारित आदेश में कहा आवेदक की चिकित्सा स्थिति का उचित मूल्यांकन करने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करना उचित है.

अदालत ने एम्स निदेशक को जल्द से जल्द मेडिकल बोर्ड का गठन करने को कहा और जेल अधिकारियों को आवेदक को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया. अदालत ने बोर्ड को 2 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जब अदालत उसकी जमानत याचिका पर विचार करेगी.

अदालत ने साथ ही जेल अधीक्षक को आरोपी को सरकारी अस्पताल से हर बेहतरीन चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है. यहां तक कि अगर आवश्यकता पड़ती है कि आवेदक को विशेष अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है, तो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की सलाह पर उसे सुझाए गए निजी अस्पताल में इलाज मुहैया कराया जा सकता है.

अदालत ने स्पष्ट किया कि निजी अस्पताल में इलाज के लिए उसके द्वारा किए गए खर्च का वहन आरोपी द्वारा किया जाएगा. 2018 में कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया पूरी करने के बाद भूषण स्टील को टाटा स्टील लिमिटेड ने अपने अधीन ले लिया था.

ईडी के अनुसार भूषण स्टील लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल और उनके सहयोगियों ने कई फर्जी कंपनियां बनाईं और बीएसएल से जुड़े प्रमोटरों और संस्थाओं ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी के हिस्से के रूप में “कई संस्थाओं की एक श्रृंखला के माध्यम से एक कंपनी से दूसरी कंपनी में धन घुमाया.

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-भारत एक्सप्रेस



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