दिल्ली हाई कोर्ट.
गाजीपुर नाले में महिला और उसके 3 साल के बेटे की मौत के मामले में दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एमसीडी और दिल्ली पुलिस से 10 दिन के भीतर स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने एमसीडी को नाले की तुरंत सफाई करने का आदेश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने बैरिकेटिंग लगाने का भी आदेश दिया है. कोर्ट ने आदेश के बाद मामले में जांच अधिकारी और एमसीडी के डिप्टी कमिश्नर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस को दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक लापरवाही का मामला दर्ज करना चाहिए. कोर्ट ने एमसीडी से कहा कि ऐसा लगता है आपके अधिकारी काम करने को गुनाह मानते हैं. अगर आप खुद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे तो हम अधिकारियों को निलंबित करना शुरू कर देंगे. मामले की सुनवाई के दौरान एमसीडी के डिप्टी कमिश्नर ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया है कि नाले और इलाके की सफाई की जाएगी और गंदगी भी हटा दी जाएगी.
कोर्ट ने जांच अधिकारी से रिपोर्ट तलब किया है. कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा है कि घटनास्थल की ऑडियो वीडियोग्राफी की गई या नहीं कोर्ट ने नाले की तस्वीर देखने के बाद कहा कि यह बहुत परेशान करने वाली तस्वीर है. कोर्ट ने एमसीडी से पूछा कि दिल्ली में इतने खुले नाले क्यों है? किसी प्राधिकरण को यह क्यों नही पता है कि वह किसको अधिकार क्षेत्र में आता है? हाई कोर्ट ने कहा कि मानसून चल रहा है अभी बारिश का मौसम है. दोबारा घटना भी हो सकती है. यह याचिका मयूर विहार फेज तीन के निवासी झुन्नू लाल की ओर से दायर की गई है. याचिका में पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है, कि बारिश के कारण दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति जे निपटने और उसे कम करने के लिए नीतियां बनाने और अपनाने के लिए प्रतिवादियों को निर्देश जारी करें और दिल्ली के सभी खुले नालों को तत्काल प्रभाव से ढकने का निर्देश दें. याचिका में अधिकारियों को दिल्ली में जारी सभी नाली निर्माण परियोजनाओं का व्यापक ऑडिट करने, बैरिकेड्स, चेतावनी संकेत और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सहित उचित सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की मांग की गई है. याचिका में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और घटना कि जांच शुरू करने के निर्देश देने की मांग की गई है.
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-भारत एक्सप्रेस