मनीष सिसोदिया.
दिल्ली शराब नीति मामले में कथित आरोपी मनीष सिसोदिया की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. ईडी ने सिसोदिया की ओर से दायर जमानत याचिका का विरोध किया है. जिसपर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आप हर सीबीआई और ईडी के मामले में यही कहते हैं कि जमानत देने से सबूतों के साथ छेड़छाड़ को सकता है.
कोर्ट ने एजेंसी से कहा कि इस मामले में 493 गवाह हैं. उनकी गवाही कबतक पूरी होगी और ट्रायल कब तक शुरू होगा. ASG ने कहा कि जब याचिकाकर्ता द्वारा दस्तावेजों का निरीक्षण पूरा हो गया है तो आरोप तय किए जाएंगे. वहीं मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामले में अभी तक निचली अदालत में ट्रायल शुरू भी नही हो पाया है.
सिंघवी ने यह भी कहा कि मेरे 90 प्रतिशत आवेदन स्वीकार कर लिए गए. क्या दस्तावेज मांगकर मैं सुनवाई में देरी कर रहा हूं? दरअसल देरी इसलिए हुई क्योंकि मुझे शुरू में दस्तावेज नही दिए गए. सिसोदिया की ओर से पेश वकील सिंघवी ने ईडी द्वारा हाल ही में दाखिल जवाबी हलफनामे का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि ईडी का कहना है कि अपराध की आय और विभिन्न व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की अभी भी जारी है.
सिंघवी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में 162 गवाहों के हवाला दिया है और 25 हजार पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए और इस साल जुलाई में 40 लोगों को आरोपी बनाया गया. वहीं सीबीआई ने 294 गवाहों का हवाला दिया और 31 हजार पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए. सिंघवी ने कहा कि एजेंसी ने दस्तावेजों को अप्रमाणिक दस्तावेजों में डालकर छुपाया भी है.
सिंघवी ने कोर्ट से आग्रह किया कि जब तक उनकी जमानत पर कोर्ट फैसला नही करती हैं तब तक के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी जाए. क्योंकि मनीष सिसोदिया की पत्नी अस्वस्थ्य है. एजेंसी की ओर से पेश ASG एसवी राजू ने कहा कि सिसोदिया की ईडी के मामले में दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इन्हें ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए. राजू ने कहा कि इन लोगों का मकसद एक्साइज टैक्स के जरिये पैसे कमाना था.
राजू ने कोर्ट को यह भी बताया कि गोवा चुनाव के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. हमने 45 करोड़ रुपये का पता लगा लिया है. ईडी ने कहा कि हमारे पास डिजिटल सबूत मौजूद है. ईडी ने कहा कि इसके अलावे मेरे पास इस पॉलिसी में गहरे साजिश को दर्शाने वाले दस्तावेज भी है. हमने किसी निर्दोष व्यक्ति को नहीं पकड़ा है. सिसोदिया के पास 18 विभाग थे. अब उनके वकील कहते है कि उनकी पत्नी बीमार है.
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने पूछा कि इस मामले में नियुनतम सजा कितनी है. ईडी की ओर से पेश ASG ने कहा कि तीन साल है लेकिन कुछ प्रावधानों में पांच साल की सजा का प्रावधान है.
-भारत एक्सप्रेस