
राहुल गांधी (फाइल फोटो)
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के महाराष्ट्र चुनाव में मैच फिक्सिंग की बात कहने और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने पर एनडीए के नेता उन पर हमलावर हैं.
अश्विनी चौबे ने किया हमला
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, “राहुल गांधी बिल्कुल भी गंभीर नेता नहीं हैं. महाराष्ट्र चुनाव को बहुत दिन हो चुके हैं. इस मुद्दे को वह अब उठा रहे हैं. जिस राज्य में उसी मशीन से वह चुनाव जीतते हैं, तो उन्हें सही लगता है. अगर वोटिंग पैटर्न गलत है, तो वह कैसे चुनाव जीतते हैं. उन्हें सभी संवैधानिक संस्थाएं गलत दिखाई पड़ती हैं. अगर उन्हें संस्थाओं का मुखिया बना दिया जाए, तो सब ठीक हो जाएगा.”
“Rahul Gandhi ने पराजय स्वीकार कर ली है”
जेडीयू नेता के.सी. त्यागी ने कहा, “राहुल गांधी ने बिहार में अपनी पराजय को स्वीकार कर लिया है. पिछले 35 साल से बिहार में कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है. कांग्रेस के लिए दहाई का आंकड़ा पार करना भी मुश्किल है.”
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एवं शिवसेना नेता शंभूराज देसाई ने कहा, “लोकतंत्र में राहुल गांधी को जनमत का आदर करना सीखना चाहिए. अगर खुद हार गए, लोगों ने उन्हें नकार दिया, तो वह फिक्सिंग कहते हैं. और जब खुद को बहुमत मिलता है, तो? आज जिन दो-चार जगहों पर उनकी सरकार बनी है, तो क्या हम वहां फिक्सिंग नहीं कर सकते थे? राहुल गांधी को अब लोकतंत्र का आदर करना सीख लेना चाहिए.”
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भाजपा नेता एसपी सिंह बघेल ने कहा, “मोदी सरकार में 11 साल में वे काम हुए हैं जो पिछले 65 साल की सरकार में कभी नहीं हो पाए. हम कह सकते हैं कि 65 साल बनाम 11 साल. राहुल गांधी के लिए मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’. जहां पर कांग्रेस की सरकार बनती है, वहां पर आयोग और ईवीएम अच्छा काम करती है.”
ये है पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि एक हिंदी और एक अंग्रेजी दैनिक में शनिवार को राहुल गांधी का आर्टिकल छपा है, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के आरोप लगाते हुए मैच फिक्सिंग की बात दोहराई. उनके इस आर्टिकल के बाद सियासत तेज हो गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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