
Pahalgam Terror Attack: मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलागाम स्थित बैसरन घास के मैदान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की.
गृहमंत्री शाह सबसे पहले हेलिकॉप्टर से इलाके का हवाई निरीक्षण कर बैसरन पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा अधिकारियों से मौजूदा हालात और चल रही कार्रवाई के बारे में जानकारी ली. यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पूरे कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट जारी है. इस हमले में पर्यटकों को निशाना बनाया गया था. बैसरन, पहलागाम का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है.
#WATCH | J&K | Union Home Minister Amit Shah reviews the security situation at Baisaran in Pahalgam, following yesterday’s terror attack, which claimed many lives pic.twitter.com/ZIdolyvnaV
— ANI (@ANI) April 23, 2025
हमले को लेकर NIA कर रही जांच
यह आतंकी हमला अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में हुआ सबसे गंभीर हमला माना जा रहा है. हालांकि सरकार की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से मृतकों की संख्या जारी नहीं की गई है. पहलागाम जाने से पहले अमित शाह ने श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर एक भावुक समारोह में मृतकों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों से मुलाकात की.
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए शाह ने कहा, “भारी मन से पहलागाम आतंकी हमले के मृतकों को अंतिम श्रद्धांजलि दी. भारत आतंक के आगे झुकेगा नहीं. इस कायराना हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.”
With a heavy heart, paid last respects to the deceased of the Pahalgam terror attack. Bharat will not bend to terror. The culprits of this dastardly terror attack will not be spared. pic.twitter.com/bFxb2nDT4H
— Amit Shah (@AmitShah) April 23, 2025
इधर, हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम भी बैसरन पहुंची. टीम की अगुवाई एक डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) स्तर के अधिकारी कर रहे हैं. NIA, जम्मू-कश्मीर पुलिस को जांच में सहयोग दे रही है.
सूत्रों के मुताबिक, यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने किया है. जांच एजेंसी की टीम घटनास्थल की गहन जांच करेगी, फॉरेंसिक सबूत जुटाएगी और हमलावरों की पहचान में मदद करेगी.
यह हमला पिछले करीब दो दशकों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. जांच में शामिल एजेंसियां इसे बेहद गंभीर मान रही हैं और जल्द से जल्द दोषियों तक पहुंचने के प्रयास में जुटी हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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