आखिर क्यों सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव की पूजा नहीं होती है? यहां जानिए इसकी वजह
Parliament Winter Session 2023: संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन जम्मू-कश्मीर को लेकर दो बिल लोकसभा में पारित हुए. पहला जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और दूसरा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. इसके साथ ही जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्री रहते हुई की गलतियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में उनके लिए हुए निर्णयों से बड़ी गलतियां हुईं, जिसके कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा.
उन्होंने कहा कि पहला है, जब हमारी सेना जीत रही थी तब युद्धविराम की घोषणा करना. सीजफायर लगाया गया, अगर तीन दिन बाद सीजफायर होता तो PoK आज भारत का हिस्सा होता. दूसरा है अपने आंतरिक मुद्दे को UN में ले जाना.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं. कश्मीर में पहले 46 थीं, अब 47 हैं और PoK में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं क्योंकि PoK हमारा है.” इसके बाद गृहमंत्री ने जम्मू कश्मीर का इतिहास बताते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए. 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए. 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए. यह यह बिल उन लोगों को अधिकार देने का, उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है.
इसके बाद अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के बारे में आगे बताते हुए कहा कि- 1980 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया और वह बड़ा भयावह दृश्य था. जो लोग इस ज़मीन को अपना देश समझकर रहते थे, उन्हें बाहर निकाल दिया गया और किसी ने उनकी परवाह नहीं की. जिन लोगों पर इसे रोकने की ज़िम्मेदारी थी वे इंग्लैंड में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे. जब कश्मीरी पंडितों को विस्थापित किया गया, तो वे अपने देश में शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर हो गए.
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार लगभग 46,631 परिवार और 1,57,968 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए. यह विधेयक उन्हें अधिकार दिलाने के लिए है, यह विधेयक उन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए है.
गृहमंत्री ने आगे कहा कि- कुछ लोगों ने इसे कम आंकने की भी कोशिश की. किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदल रहा है. मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि नाम के साथ उनका सम्मान जुड़ा है. ये वही लोग देख सकते हैं जो इन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं, वे इसे नहीं समझ सकते जो इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं. नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए. वे गरीबों का दर्द जानते हैं.
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