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Parliament Security Breach 2023: संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में बवाल खड़ा हो गया है. विपक्ष के कुल 31 सासंदों को लोकसभा से पूरे सत्र के लिए निंलबित कर दिया गया है. इसमें कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं. इसके बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है. विपक्ष के कई नेताओं की तरफ से सरकार पर तनाशाही करने का आरोप लगाया गया है. वहीं अब इस पर अधीर रंजन चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आ गयी है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की तानाशाही अपने चरम पर पहुंच गई है. वह सदन को अपने पार्टी ऑफिस की तरह चलाना चाहती है.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा कि, ”आज सुबह से और पिछले कई दिनों से हम मांग कर रहे हैं कि हमारे सांसदों का निलंबन रद्द किया जाए और गृह मंत्री सदन में बयान जारी करें.” बता दें कि इससे पहले आज लोकसभा स्पीकर ने अधीर रंजन चौधरी सहित 31 विपक्षी सदस्यों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि उनको लगता है कि सरकार बहुमत के बाहुबल का डंडा घुमाकर सबको ठंडा कर देंगे और सबकी जुबान बंद कर देंगे. उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि सदन में विपक्ष का कोई नेता बचा है, मैं भी इस लिस्ट में शामिल हूं. सुबह से हमारी मांग थी कि हमारे जितने सांसद निलंबित हैं उनकी बहाली हो और गृह मंत्री अमित शाह सदन में आकर जवाब दें. जो बयान वो टीवी पर बैठकर देते हैं वो बात सदन में आकर कहें और देश को जानकारी दें.
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है. निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है. विपक्ष-रहित संसद के साथ, मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है.”
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “मेरी प्रधानमंत्री मोदी को एक सलाह है कि वे ये लोकतंत्र, सदन, सांसद का सारा ढोंग छोड़ दें, अपनी तानाशाही चलाएं क्योंकि असलियत ये है कि हर वो व्यक्ति जो अपनी लोकतांत्रिक ड्यूटी निभाते हुए लोकतंत्र के मंदिर में सवाल पूछेगा उस सांसद को निलंबित किया जाएगा। मोदी जी को विपक्ष का चेहरा बर्दाश्त नहीं है। पहले आपने 15 और अब 31 सांसद निलंबित कर दिए। ये कितनी बड़ी विडंबना है कि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी तक को निलंबित कर दिया। सदन में अगर विपक्ष की आवाज ही नहीं होगी तो सदन और लोकतंत्र का मतलब क्या है?”
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