पीएम मोदी
आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता हुआ दिख रहा है. वहीं तेलुगू देशम पार्टी (TDP) इस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.
TDP अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू अपनी पार्टी को आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत मिली है. राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनसेना पार्टी भी उनके साथ गठबंधन में हैं. राज्य में एनडीए गठबंधन की जीत पर पीएम मोदी ने बधाई दी है.
एनडीए को असाधारण जनादेश: PM Modi
सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, ‘आंध्र प्रदेश ने एनडीए को असाधारण जनादेश दिया है! मैं राज्य की जनता को उनके आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं चंद्रबाबू नायडू, पवन कल्याण और टीडीपी, जनसेना पार्टी तथा भाजपा के कार्यकर्ताओं को इस शानदार जीत के लिए बधाई देता हूं.’ प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘हम आंध्र प्रदेश की सर्वांगीण प्रगति के लिए काम करेंगे और आने वाले समय में राज्य की समृद्धि सुनिश्चित करेंगे.’
Andhra Pradesh has given an exceptional mandate to NDA! I thank the people of the state for their blessings. I congratulate @ncbn Garu, @PawanKalyan Garu and the Karyakartas of @JaiTDP, @JanaSenaParty and @BJP4Andhra for this emphatic victory.
We will work for the all-round…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 4, 2024
किसने कितनी सीटें जीतीं
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, खबर लिखे जाने तक 175 सीट वाली आंध्र प्रदेश विधानसभा में टीडीपी ने 122 सीटों पर जीत हासिल कर ली थी और 12 पर बढ़त बनाए हुए हैं. जनसेना पार्टी की बात करें तो इसने 20 सीटें अपने नाम कर ली है और 1 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं. इन दोनों दलों के साथ गठबंधन में शामिल भाजपा के खाते में 6 सीटें आई हैं और 2 पर पार्टी को बढ़त मिली हुई है. वहीं सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस 8 सीटों पर जीत चुकी है और 4 पर उसे बढ़त हासिल है.
भाजपा से गठबंधन
2024 में नायडू ने एनडीए में एक बार फिर से वापसी की और आंध्र प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनसेना के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा. गठबंधन के तहत प्रदेश की कुल 175 विधानसभा सीट में से टीडीपी 144, जनसेना 21 और भाजपा 10 सीट पर चुनाव लड़ा.
नायडू वर्ष 1995 में पहली बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. 1999 में फिर से मुख्यमंत्री चुने गए और 2004 तक पद पर रहे. आंध्र प्रदेश का विभाजन कर तेलंगाना का गठन किए जाने के बाद 2014 में वह तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से करारी हार के बाद टीडीपी सत्ता से बाहर हो गई थी.
-भारत एक्सप्रेस