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क्या PM किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त में होगा बड़ा उलटफेर? जानें क्या है नया बदलाव!

PM Kisan Yojana: पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त से पहले नोडल अधिकारी नियुक्त, ई-केवाईसी सरल. किसानों को राहत, जून 2025 में किस्त संभावित. MSMEs के लिए बीमा जरूरी.

PM Kisan Samman Nidhi

PM Kisan Yojana: देशभर के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की 20वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है. यह योजना किसानों के लिए आर्थिक सहायता का प्रमुख स्रोत है, जिसमें हर साल 6,000 रुपये की राशि तीन किस्तों में 2,000 रुपये प्रति किस्त के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाती है. अब सरकार ने इस योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. आइए जानते हैं कि क्या बदला और इसका किसानों पर क्या असर होगा.

कई बार किसानों को तकनीकी खामियों या अन्य कारणों से किस्त का भुगतान नहीं हो पाता, जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था. अब सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है. किसान इन नोडल अधिकारियों के मोबाइल नंबर या ईमेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इस कदम से किसानों को अपनी समस्याओं का त्वरित समाधान मिलेगा, और उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा.

नोडल अधिकारियों का संपर्क कैसे जानें?

नोडल अधिकारियों के संपर्क विवरण प्राप्त करना अब बेहद आसान है. इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:
पीएम किसान सम्मान निधि की आधिकारिक वेबसाइट www.pmkisan.gov.in पर जाएं.

‘फार्मर कॉर्नर’ में जाकर ‘सर्च योर प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट’ विकल्प चुनें.

यहां आपको राज्य और जिला स्तर के नोडल अधिकारियों की जानकारी मिल जाएगी, जिनसे आप संपर्क कर सकते हैं.

20वीं किस्त कब आएगी?

खबरों के मुताबिक, पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जून 2025 में जारी हो सकती है. इससे पहले 24 फरवरी 2025 को 19वीं किस्त जारी की गई थी, जिससे 9.8 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ हुआ. इनमें 2.4 करोड़ महिला किसान भी शामिल थीं.

ई-केवाईसी प्रक्रिया में सरलता

जिन किसानों ने अभी तक पीएम किसान योजना के लिए ई-केवाईसी पूरी नहीं की है, उनके लिए सरकार ने प्रक्रिया को और सरल कर दिया है. पहले बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य था, जो खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के बुजुर्ग किसानों के लिए मुश्किल था. अब सरकार ने OTP आधारित ई-केवाईसी और फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा शुरू की है, जिससे किसानों को आसानी होगी.

MSMEs और बीमा की चुनौती

भारत की अर्थव्यवस्था में MSMEs (लघु और मध्यम उद्यम) रीढ़ की हड्डी हैं, लेकिन बीमा की कमी इनके लिए बड़ा जोखिम पैदा करती है. संकट के समय बिना बीमा के छोटे कारोबारों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है. MSMEs के लिए बीमा का महत्व लगातार बढ़ रहा है, और इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है.

पीएम किसान सम्मान निधि योजना में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति और ई-केवाईसी प्रक्रिया में सरलीकरण जैसे बदलाव किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं. ये कदम न केवल उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करेंगे, बल्कि योजना के लाभ को और प्रभावी बनाएंगे.

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-भारत एक्सप्रेस



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