चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीसीएसआईए) के एकीकृत टर्मिनल 3 (टी 3) का उद्घाटन
Chaudhary Charan Singh International Airport (CCSIA) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान आज हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया. उन्होंने राजधानी लखनऊ में चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के एकीकृत टर्मिनल T-3 का भी उद्घाटन किया, जो 2,400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है. इसके बनने से प्रदेश को बड़ा फायदा होगा. यह एयरपोर्ट प्रति वर्ष 80 लाख यात्रियों को संभाल सकता है.
अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीसीएसआईए) के एकीकृत टर्मिनल 3 (T-3) का उद्घाटन होने से यूपी में हवाई सफर करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सेवाएं प्रदान करेगा, जिसमें पीक आवर्स के दौरान 4,000 यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी.
चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के एकीकृत टर्मिनल टी3 की विशेषताएं बताते हुए करण अदाणी ने कहा, “सीसीएसआईए के लिए हमारा दृष्टिकोण बड़ा और दूरगामी है. हमारे मास्टर प्लान का लक्ष्य अंततः 2047-48 तक सालाना 38 मिलियन यात्रियों को सेवा प्रदान करने के लिए हवाई अड्डे की क्षमता का विस्तार करना है.”
करण अदाणी ने कहा- “चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जो टर्मिनल तैयार हो रहे हैं, वे उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा का समर्थन करने के हमारे इरादे को जाहिर करते हैं. हम सिर्फ बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं कर रहे हैं – हम 13,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं. हम इस प्रकार योगदान दे रहे हैं कि क्षेत्र और राज्य की खूब आर्थिक उन्नति हो.”
चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विश्व स्तरीय टर्मिनल का पहला चरण प्रति वर्ष 8 मिलियन यात्रियों को सेवा प्रदान कर सकता है. वहीं, दूसरा चरण प्रति वर्ष 13 मिलियन यात्रियों की हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाएगा.
सीसीएसआईए में हुए बड़े बदलाव के उपरांत-
• अब चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विश्व स्तरीय T3 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को पूरा करेगा
• अधिक चेक-इन, आव्रजन काउंटर और बोर्डिंग गेट जोड़े गए
• यात्रियों की सुविधा के लिए DigiYatra जैसी तकनीकें शुरू की गईं
• उत्तर प्रदेश के प्रवेश द्वार के रूप में क्षेत्रीय कला और वास्तुकला को दर्शाएगा
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