
प्रसिद्ध एथलीट कर्णम मल्लेश्वरी से पीएम मोदी ने की मुलाकात.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को हरियाणा के दौरे पर थे, जहां उन्होंने करोड़ों की विकास परियोजनाओं शिलान्यास और उद्घाटन किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने हिसार एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास किया और हिसार से अयोध्या के बीच उड़ान को री झंडी दिखाई थी. अपने इस दौरे में पीएम मोदी ने कई अन्य लोगों से मुलाकात भी की थी, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खुद पीएम ने शेयर की थीं.
PM Modi ने शेयर की तस्वीरें
अब पीएम मोदी एक और तस्वीर एक्स पर शेयर की है, जिसमें उन्होंने लिखा, कल यमुनानगर में ओलंपिक पदक विजेता और प्रसिद्ध एथलीट कर्णम मल्लेश्वरी से मुलाकात की. भारत को एक खिलाड़ी के रूप में उनकी सफलता पर गर्व है. युवा एथलीटों को मार्गदर्शन देने का उनका प्रयास भी उतना ही सराहनीय है.
Met Olympic medalist and noted athlete, Karnam Malleswari in Yamunanagar yesterday. India is proud of her success as a sportswoman. Equally commendable is her effort to mentor young athletes. pic.twitter.com/9BcM8iKENr
— Narendra Modi (@narendramodi) April 15, 2025
बता दें कि इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कैथल निवासी रामपाल कश्यप से मुलाकात की थी. रामपाल कश्यप ने वर्ष 2010 में एक संकल्प लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनते और वह उनसे आमने-सामने नहीं मिलते, तब तक वह जूते नहीं पहनेंगे.
PM Modi ने खुद पहनाए जूते
इस ऐतिहासिक संकल्प की पूर्णता का पल तब आया जब प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने खुद रामपाल कश्यप को जूते पहनाए. यह दृश्य न केवल उपस्थित लोगों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक भावनात्मक क्षण बन गया. पीएम मोदी (PM Modi) ने इस मुलाकात की एक तस्वीर और अपने विचार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “आज यमुनानगर की जनसभा में कैथल के श्री रामपाल कश्यप जी से भेंट हुई. उन्होंने 14 साल पहले यह प्रण लिया था कि वे तभी चप्पल पहनेंगे जब मैं प्रधानमंत्री बनूंगा और उनसे भेंट होगी. ऐसे लोगों के स्नेह से मैं अभिभूत हूं. लेकिन मैं सभी से एक अनुरोध करना चाहता हूं – आपका प्रेम मेरे लिए अनमोल है… कृपया ऐसे संकल्प लें जो समाजसेवा और राष्ट्रनिर्माण से जुड़े हों.”
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2010 में लिया था संकल्प
रामपाल कश्यप का यह संकल्प तब शुरू हुआ था जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री भी नहीं थे. 2010 में लिया गया यह प्रण 2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद भी अधूरा था, क्योंकि उनकी इच्छा थी कि वह स्वयं मोदी से मिलकर उनके हाथों जूते पहनें. बीते 14 वर्षों तक उन्होंने नंगे पांव रहकर अपने विश्वास को जीवित रखा. यमुनानगर की मुलाकात न सिर्फ उनके लिए व्यक्तिगत रूप से ऐतिहासिक रही, बल्कि यह एक नेता और जनमानस के बीच मजबूत भावनात्मक जुड़ाव का उदाहरण भी बनी.
-भारत एक्सप्रेस
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