देवरिया हत्याकांड की फाइल फोटो (सोशल मीडिया)
Deoria Murder Case: देवरिया हत्याकांड मामले में पुलिस अब धीरे-धीरे मुख्य आरोपियों की ओर बढ़ रही है. छानबीन में सामने आ रहे तथ्य एक-एक कड़ी जोड़कर पुलिस को घटना की मुख्य वजह तक पहुंचा रहे हैं. पुलिस अब उस शख्स की तलाश करने में जुट गई है, जिसने नवनाथ मिश्रा को असलहा दिया था. हत्या के 14 दिन बाद पुलिस के एक सवाल ने उलझा कर रख दिया है.
दरअसल 2 अक्टूबर को देवरिया के फतेहपुर गांव में एक साथ 6 हत्या होने के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था. इस नरसंहार में जहां यादव परिवार की ओर से प्रेम चंद यादव की हत्या हुई थी तो वहीं इसके बदले में यादव परिवार की ओर से ब्राह्मण परिवार सत्य प्रकाश दुबे के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी. पुलिस इस मामले में बारीकी से जांच करने में जुटी है. चर्चा है कि जिस प्रेमचंद के लाइसेंसी असलहा से मुख्य आरोपित नवनाथ मिश्रा ने सत्य प्रकाश दुबे सहित उनकी पत्नी और तीन बच्चों को खत्म कर दिया था, आखिर उसे असलहा सौंपा किसने था? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि आखिर प्रेमचंद के परिवार का वह कौन सदस्य है, जिसने असलहा उसे लाकर दे दिया और चाहता था कि सत्य प्रकाश दुबे के घर में हत्या हो जाए. आखिर दोनों दोस्त गोलू और संदीप कैसे घटनास्थल पर लेकर पहुंच गए? जिसे नवनाथ ने प्रेमचंद की मृत्यु देख आक्रोशित हो गया और सत्य प्रकाश दुबे के साथ ही उनकी दो बेटी, बेटे और पत्नी की हत्या कर दी. नवनाथ मिश्रा प्रेमचंद यादव का ड्राइवर था, फिलहाल पुलिस ने इसको भी गिरफ्तार कर लिया है.
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पुलिस को है इस किरदार की तलाश
मीडिया सूत्रों की मानें तो पुलिस को अब तक इस पूरे मामले में तमाम सबूत मिल चुके हैं तो वहीं यह भी सबूत मिला है कि विवाद के वक्त घटनास्थल पर प्रेमचंद असलहा लेकर नहीं गए थे. तो वहीं अब सवाल खड़ा हो रहा है कि फिर आखिर वह असलहा घर में से दोनों दोस्तों को किसने सौंपा था और सत्य प्रकाश दुबे के घर पर भेजा था. फिलहाल पुलिस अब असलहा सौंपने वाले किरदार की तलाश में जुट गई है. बता दें कि घटना के तीन दिन बाद पुलिस ने उसी लाइसेंसी असलहा को आरोपी के निशानदेही पर झाड़ी से बरामद किया था. मालूम हो कि शस्त्र अधिनियम में यह प्रावधान है कि जिस व्यक्ति के नाम से असलहा का लाइसेंस जारी होता है. वह उसका इस्तेमाल केवल अपनी आत्मरक्षा के लिए ही कर सकता है.
एक बुजुर्ग ने किया खुलासा
वहीं इस पूरे मामले को लेकर घर के पड़ोस में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला ने पुलिस व मीडिया को बताया कि, पहले सत्य प्रकाश दुबे व प्रेमचंद यादव के बीच आपस में एक-दूसरे से बातचीत हो रही थी. पहले दोनों के बीच सागौन के पेड़ व मकान को लेकर विवाद हुआ और फिर इसी दौरान प्रेमचंद ने पैतृक भूमि में ज्ञान प्रकाश के हिस्से का मामला भी खोद दिया. इस वजह से विवाद और बढ़ गया.
प्रेमचंद ने सत्य प्रकाश को मारा था थप्पड़
तो वहीं सत्यप्रकाश ने प्रेमचंद को सागौन के पेड़ और मकान की भूमि का हिस्सा देने से बिल्कुल मना कर दिया, जिससे दबंग प्रेमचंद बौखला गया और उसने सत्य प्रकाश को थप्पड़ मार दिया. इस पर सत्यप्रकाश ने विरोध में पांच छह थप्पड़ प्रेमचंद के गाल पर जड़े. इसी दौरान सत्यप्रकाश ने शोर मचा दिया तो परिवार के अन्य लोग भी बाहर आ गए. फिर धक्की-मुक्की शुरू हो गई. इतने में प्रेमचंद ईंट पर गिर गया. तो वहीं अपने पति को बचाने के लिए सत्य प्रकाश दुबे की पत्नी ने वार कर दिया, जिससे प्रेमचंद की मौत हो गई और फिर जैसे ही इसकी सूचना प्रेमचंद के पक्ष के लोगों को मिली वे सत्य प्रकाश के घर पहुंच गए और लाठी-डंडों व गोली से सत्य प्रकाश दुबे के साथ ही उनकी पत्नी किरण, बेटी सलोनी व नंदिनी, बेटे गांधी की निर्मम हत्या कर दी. इस बात की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हो चुकी है. तो वहीं गांव में भी इस हत्या को लेकर चर्चा जारी है कि अगर प्रेमचंद ने थप्पड़ नहीं मारा होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहन छानबीन करने में जुटी है.
-भारत एक्सप्रेस
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