इस्कॉन में संबोधन के दौरान पीएम मोदी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवी मुंबई के खरघर में स्थित इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन करते हुए श्रद्धालुओं को संबोधित किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रील प्रभुपाद ने उपनिवेशीकरण के दौर में ‘वेद, वेदांत और गीता’ के महत्व को आगे बढ़ाया.
उन्होंने वेदांत को लोगों की चेतना से जोड़ने की एक अभूतपूर्व पहल की, जो आज भी हमें प्रेरित करती है. प्रधानमंत्री ने कहा, “आज से 70 साल पहले, जब लोग आमतौर पर यह मानते थे कि उन्होंने अपना कर्तव्य निभा लिया है, तब श्रील प्रभुपाद ने इस्कॉन मिशन की शुरुआत की थी. उनका यह मिशन न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में वेदांत और गीता के गहरे संदेश को फैलाने का कार्य कर रहा है.”
पीएम मोदी ने की इस्कॉन की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने इस्कॉन के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह मंदिर न केवल भक्ति का केंद्र है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है, जो लोगों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति का अनुभव कराता है. उन्होंने बताया कि श्रील प्रभुपाद का जीवन हमें यह सिखाता है कि व्यक्ति को समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, और आध्यात्मिकता को अपने जीवन में समाहित करना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने इस्कॉन के योगदान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व देते हुए कहा कि इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रचार वैश्विक स्तर पर हो रहा है. इस अवसर पर उन्होंने इस्कॉन के अनुयायियों को शुभकामनाएं दी और मंदिर के उद्घाटन को एक ऐतिहासिक क्षण बताया.
इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन के साथ ही नवी मुंबई में एक नई आध्यात्मिक धारा का प्रारंभ हुआ है, जो न केवल स्थानीय समुदाय को बल्कि पूरे देश और दुनिया में धर्म और संस्कृति के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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