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‘मैं उन्हें राहुल की कमी महसूस नहीं होने दूंगी…’ वायनाड से उपचुनाव लड़ने पर बोलीं प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने अगर वायनाड सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल कर ली तो वह सांसद के रूप में संसद में पहली बार प्रवेश करेंगी.

Priyanka Gandhi Vadra

प्रियंका गांधी (फाइल फोटो-सोशल मीडिया)

Priyanka Gandhi: रायबरेली और वायनाड से लोकसभा चुनाव जीतने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड की सीट छोड़ दी है और अब वहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी उपचुनाव लड़ेंगी. पार्टी आलाकमान के इस कदम पर प्रियंका गांधी ने कहा है कि वह पार्टी के इस फैसले से बहुत खुश हैं.

मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने केरल के वायनाड से उपचुनाव लड़ने को लेकर कहा, ‘मैं बस इतना कहूंगी कि मैं उन्हें उनकी (राहुल की) कमी महसूस नहीं होने दूंगी. मैं कड़ी मेहनत करूंगी और सभी को खुश रखने तथा एक अच्छी प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी.’

उन्होंने कहा, ‘मेरा रायबरेली से अच्छा रिश्ता है, क्योंकि मैंने वहां 20 साल तक काम किया है और यह रिश्ता कभी नहीं टूटेगा.’ उन्होंने कहा कि वे दोनों दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे.

बता दें कि प्रियंका गांधी ने अगर वायनाड सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल कर ली तो वह सांसद के रूप में संसद में पहली बार प्रवेश करेंगी. इसके अलावा प्रियंका अगर वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव जीत जाती हैं, तो कांग्रेस पार्टी की ओर से नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में होंगे. राहुल और प्रियंका जहां लोकसभा में नजर आएंगे, वहीं सोनिया गांधी पहले ही राज्यसभा की सदस्य चुनी जा चुकी हैं.


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हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में प्रियंका ने उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कांग्रेस नेता ने न केवल रायबरेली और अमेठी जैसी प्रतिष्ठित सीटों पर पार्टी को जीत दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया, बल्कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई – जो अंतत: दोनों दलों के लिए विजयी संयोजन साबित हुआ.

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के दौरान प्रियंका गांधी पार्टी की स्टार प्रचारक रहीं, लेकिन उन्होंने खुद चुनाव लड़ने की बात कहीं भी नहीं कही. जब बात रायबरेली और अमेठी की आई तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका के चुनाव लड़वाने की इच्छा जाहिर की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

हालांकि वायनाड के बाद रायबरेली से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर राजनीतिक जानकारों ने ये पहले ही कयास लगा दिए थे कि अगर राहुल गांधी रायबरेली सीट जीतते हैं और वायनाड भी तो वह वायनाड छोड़ देंगे और यहां से प्रियंका गांधी को उपचुनाव में उतारा जाएगा. फिलहाल हुआ भी यही है. हालांकि अब सभी की नजरें उस दिन पर टिकी हुई हैं जब प्रियंका यहां से नामांकन दाखिल करेंगी और उपचुनाव में वोटिंग के बाद वोटों की गिनती होगी.

भाजपा ने कसा तंज

बता दें कि प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने की खबर सामने आने के बाद से ही भाजपा लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कांग्रेस कोई पार्टी नहीं, पारिवारिक कंपनी है, ये तो आज सिद्ध हो गया. मां राज्यसभा में होंगी, बेटा लोकसभा की एक सीट से होंगे और प्रियंका गांधी लोकसभा की दूसरी सीट से होंगी. मतलब, परिवार के तीनों सदस्य सदन में होंगे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘ये तो परिवारवाद का एक परिचय है ही, परंतु एक बात और भी स्पष्ट हो गई है कि राहुल गांधी ये समझ गए हैं, जो जीत उनको उत्तर प्रदेश में कुछ सीटों पर समाजवादी पार्टी के वोट के बल पर मिली है, अब वहां पर उपचुनाव कराने से उनकी सीट पर खतरा आ सकता है.’

कांग्रेस में परिवारवाद 

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने कहा कि कोई भी अपना राजनीतिक सफर शुरू करे, इससे हमें कोई मतलब नहीं है. अभी तो प्रियंका गांधी के बच्चे भी राजनीति में आएंगे, लेकिन दुख इस बात का है कि कांग्रेस में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं बची है. कांग्रेस अपने आप को सबसे बड़े दल के रूप में मानती है, बहुत पुराना दल मानती है. इसके बावजूद भी अपने कार्यकर्ताओं को व्यवस्थित नहीं कर पा रही है. कांग्रेस में आज भी परिवारवाद चल रहा है. राज्यसभा से मां सोनिया गांधी आएंगी, जबकि एक सदन से भाई-बहन आएंगे. मुझे लगता है कि यह एक तरह से लोकतंत्र की हत्या के बराबर है और कांग्रेस का पलायन भी इन्हीं कारण से होगा.

-भारत एक्सप्रेस

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