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Rau Study Center Accident: राव कोचिंग सेंटर (Rau’s Study Center) के बेसमेंट में अचानक बारिश का पानी भर जाने के कारण सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच सामने आ गई है. जांच में एमसीडी और अग्निशमन विभाग को दोषी पाया गया है. राजस्व मंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं. जांच में कई कानूनों के दुर्भावनापूर्ण उल्लंघन के संकेत भी मिले हैं. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि एमसीडी और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने पहले नियमों के उल्लंघन को देखा था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की.
इसी के साथ ही मजिस्ट्रेट जांच में राव आईएएस स्टडी सर्कल को भी दोषी ठहराया है. इसी के साथ ही रिपोर्ट में कोचिंग सेंटर की इमारत के ‘नियमों के उल्लंघन’ की बात कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राव कोचिंग सेंटर के मालिक और प्रबंधन भी छात्रों के जीवन की परवाह किए बिना बेसमेंट के खतरनाक दुरुपयोग में शामिल होकर आपराधिक लापरवाही के लिए जिम्मेदार थे.
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15 लोगों से की गई है पूछताछ
रिपोर्ट में कहा गया है कि एमसीडी ने यहां नाले से अतिक्रमण नहीं हटाया. मालूम हो कि मजिस्ट्रेट जांच में छात्रों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित 15 लोगों से पूछताछ की गई. इसी के साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कोचिंग संस्थान के निचले स्थान पर स्थित होने के कारण जलभराव की संभावना होने के बावजूद क्षेत्र में नालों से पिछले पांच वर्षों से गाद नहीं निकाली गई है. तो दूसरी ओर अग्निशमन विभाग इस साल 1 जुलाई को निरीक्षण के दौरान एमसीडी को लाइब्रेरी के रूप में इमारत के बेसमेंट के दुरुपयोग का उल्लेख करने में भी विफल रहा.
कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से मांगा है जवाब
बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने बुधवार को जेल में बंद बेसमेंट के चार सह-मालिकों की जमानत याचिकाओं पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है. बता दें कि हादसे को लेकर इन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चंदना ने केंद्रीय जांच एजेंसी को 9 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसके बाद ही अदालत चार आरोपी परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. मालूम हो कि कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि चूंकि एफआईआर की प्रति अदालत के सामने नहीं लाई गई है, इसलिए वह आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर फैसला नहीं कर सकती है. गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने हाल ही में ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में हुई मौतों की जांच पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी.
-भारत एक्सप्रेस