पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल.
Janta dal election symbol story: लोकसभा चुनाव 2024 की चुनावी प्रकिया शुरू हो चुकी है. पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन की प्रकिया कल पूरी हो चुकी है. 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी. ऐसे में 1989 के चुनाव से पहले का एक किस्सा जो आज भी लोगों की मुंहजुबानी पर है क्योंकि जनता दल के वरिष्ठ नेताओं में से एक चौधरी देवीलाल ने तत्कालीन इलेक्शन कमिश्नर एसएस धनोआ और वीएस सीगेल को चेताते हुए कहा था कि कुछ ही महीनों में हम वापस आएंगे और सबसे पहले आप बाहर कर दिए जाएंगे.
संयोग से जनता दल चुनाव तो नहीं जीत पाई लेकिन भाजपा और सीपीएम के सहयोग से सरकार बना ली. संयुक्त मोर्चा की सरकार में वीपी सिंह पीएम बने. इसके बाद जनवरी 1990 में राष्ट्रपति की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के दोनों पद समाप्त कर दिए गए.
जेएम लिंगदोह ने अपनी किताब में शेयर किया सियासी किस्सा
यह सियासी किस्सा पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह ने अपनी किताब The Chronicle of an Impossible Election में बयां किया है. उनके अनुसार 1988 में दो फाड़ हो चुकी जनता दल के दो धड़ों ने मिलकर संयुक्त जनता दल का गठन किया. इसका लक्ष्य भी कांग्रेस को सत्ता से बाहर करना था. हालांकि इसका नेतृत्व चंद्रशेखर, वीपी सिंह और चौधरी देवीलाल जैसे नेताओं ने किया था. हालांकि चुनाव आयुक्तों के साथ टकराव वाली घटना तब की है जब जनता दल के नेता पार्टी के चुनाव चिन्ह के लिए आयोग के पास गए थे.
24 तीलियों वाला चुनाव चिन्ह चाहता था जनता दल
लिंगदोह की किताब के अनुसार जनता दल के नेता चाहते थे पार्टी के चुनाव चिन्ह में अशोक चक्र की तरह 24 तीलियां लगी हों जैसे कि अशोक चक्र में लगी रहती हैं. लेकिन तत्कालीन चुनाव आयुक्तों ने पार्टी के चुनाव चिन्ह में केवल 3 तीलियों को मंजूरी दी. हालांकि बाद में इसे 6 किया गया. लेकिन जनता दल का प्रतिनिधि मंडल इससे संतुष्ट नहीं था. मीटिंग के बाद प्रतिनिधि मंडल में शामिल चौधरी देवीलाल ने कहा कि कुछ ही महीनों में हम वापस आएंगे और सबसे पहले आप बाहर कर दिए जाएंगे.
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