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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के लिए 400 KG का ताला बनाने वाले सत्यप्रकाश का हुआ निधन, PM मोदी ने भी की थी तारीफ

Aligarh: सत्यप्रकाश शर्मा चाहते थे कि अयोध्या में लगने वाला ताला खास हो. इसके लिए वह नया स्वरूप व नया लुक देने के लिए स्टील का फ्रेम सहित कई बदलाव करना चाहते थे. इसके लिए वह अपना प्लाट बेचने के लिए तैयार थे.

पीएम से मुलाकात करते सत्यप्रकाश (फाइल फोटो-सोशल मीडिया)

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर के लिए चार सौ किलो का खास ताला बनाने वाले सत्यप्रकाश शर्मा का निधन हो गया है. बीमारी के चलते मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. वह अपने खास ताले को मंदिर के लिए भेंट करना चाहते थे और इसके लिए वह सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिख चुके थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में सितंबर में लगी प्रदर्शनी में ताला देखकर इसकी प्रशंसा कर चुके हैं. 25 दिसंबर को ताला लेकर अयोध्या जाना था, लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया और उनका सपना पूरा नहीं हो सका. फिलहाल उनके बेटे महेश शर्मा ने अपने पिता की इच्छा पूरी करने की बात कही है.

बता दें कि अलीगढ़ के जयगंज के सत्य प्रकाश शर्मा ताले के लिए खास पहचान रखते थे. उनकी उम्र 68 वर्ष थी और वह ताला निर्माण के कुशल कारीगर थे. उन्होंने अपनी पत्नी रुक्मणी शर्मा के साथ मिलकर अब तक का सबसे बड़ा ताला वर्ष 2021 में बनाना शुरू किया था और एक साल में इसे तैयार कर लिया था. आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद इस बुजुर्ग दंपती ने इस ताले पर करीब तीन लाख रुपये की खर्च किए. ये उनकी भगवान राम के प्रति श्रद्धा ही थी कि उन्होंने तमाम मुश्किलों को झेलते हुए भी ताले का निर्माण किया. लोगों ने ताले को लेकर बुजुर्ग दंपती के हुनर की प्रशंसा तो की लेकिन आर्थिक रूप से मदद किसी ने नहीं की. बेटे महेश शर्मा ने बताया कि उनके पिता का पहला सपना था कि अलीगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा ताला बनाने का नया रिकार्ड उनके नाम रहे.

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ये था उनका दूसरा सपना

बेटे महेश शर्मा ने बताया कि उनके पिता का दूसरा सपना था कि उनके द्वारा जो सबसे बड़ा ताला बनाया गया है, उसे अयोध्या के राम मंदिर के आस पास किसी चौक पर स्थापित किया जाए, ताकि दुनियाभर से आने वाले सनातनी प्रेमियों को अलीगढ़ के हुनर का प्रदर्शन देखने को मिले. उन्होंने बताया कि, इस ताले को उद्योग विभाग ने कई प्रदर्शनियों में रखा था और इसकी प्रशंसा दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. तो वहीं सत्यप्रकाश शर्मा ने एक बार मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मंदिर अद्भुत बन रहा है. इसलिए वहां की हर चीज अद्भुत होनी चाहिए. इसलिए अलीगढ़ का अदभुद ताला मंदिर के लिए भेंट किया जाएगा.

40 साल से जुड़े थे ताला निर्माण कार्य में

बता दें कि सत्यप्रकाश शर्मा 40 साल से ताला निर्माण के कार्य से जुड़े थे. उन्हें अपने पिता भोजराज शर्मा से ताला निर्माण की कला विरासत में मिली और इसके बाद उन्होंने अपनी विरासत को आगे बढ़ाया. पहले भी कई बड़े ताले का निर्माण वह कुछ खास मौकों के लिए कर चुके हैं. इनका 300 किलो का ताला खूब चर्चा में रहा था और फिर उन्होंने राम मंदिर के लिए अपना ही रिकार्ड तोड़ा और 400 किलो का ताला राम मंदिर के लिए बनाया. बेटे महेश शर्मा ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि जब यह ताला अयोध्या में लगने के लिए जाए तब उसका नया स्वरूप देखने को मिले. इसीलिए वह इस ताले को नया लुक देना चाहते थे और इस के लिए स्टील का फ्रेम सहित कई बदलाव करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. हालांकि अयोध्या में ताला स्थापित करने के लिए वह प्लाट बेचने तक के लिए तैयार थे.

जानें ताले की खासियत

अगर इस ताले की खासियत देखें तो इसकी चाबी चार फीट लंबी हैं और वजन 400 किलो का है. लोहे से बने इस ताले की लम्बाई 10 फीट है तो वहीं इसकी चौड़ाई 6 फीट है. यह छह इंच मोटा है. इसकी चाबी 30 किलो ग्राम वजन की है जो की चार फीट लंबी है. इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं. ताले का कड़ा चार फीट का है. अलीगढ़ की प्रदर्शनी में भी वह इसे प्रदर्शित किया जा चुका है. ताला निर्माण पर दो लाख रुपये से अधिक खर्च हुआ है.

-भारत एक्सप्रेस



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