Saudi Crown Prince India Visit: एक ओर भारत की राजधानी दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है, वहीं इस बीच कई विदेशी नेता राजकीय दौरे पर आए हैं. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल्लाजीज अल साउद ने आज G20 की बैठकों में हिस्सा लिया और ये बैठकें खत्म होने के बाद भी वह भारत में ही रुकेंगे. दरअसल, 11 सितंबर को यहां उनकी राजकीय यात्रा का कार्यक्रम होना है. उनके इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते होने की उम्मीद है.
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल्लाजीज अल साउद के भारत दौरे का शेड्यूल जारी किया गया है. उनकी इस यात्रा में कई मंत्री और उच्च स्तरीय अधिकारी भी शामिल होंगे. इस दौरे से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून के महीने में मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर सउदी अरब भारत के बीच कनेक्टिविटी, ऊर्जा, रक्षा, व्यापार और निवेश में संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर बातचीत की थी. माना जा रहा है कि तब के एजेंडे को सलमान के इस दौरे के दौरान अंजाम पर पहुंचाया जाएगा.
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल्लाजीज अल साउद दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में शामिल होंगे. वहीं, दोनों नेता रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली नेताओं की बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे.
मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल्लाजीज अल साउद चार साल पहले, फरवरी 2019 में भारत दौरे पर आए थे. ऐसे में अब यह उनका दूसरा भारत दौरा है. विदेश मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, वह कल यानी कि 11 सितंबर को पहले भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे. उसके बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में शामिल होंगे. सऊदी के प्रिंस के दौरे के मद्देनजर राजधानी में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था रहेगी.
कहा जा रहा है कि यूरोप और मिडिल ईस्ट (सऊदी-यूएई जैसे देश) भारत के साथ इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाएंगे. इसे चीन को सीधे जवाब के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि चीन भी भारत के उत्तर में होते एक आर्थिक गलियारे पर काम कर रहा है, जिसके जरिए उसकी यूरोप में सीधी पहुंच हो जाएगी.
सऊदी अरब के प्रिंस हमारे प्रधानमंत्री के साथ एक इंफ्रास्ट्रक्चर डील फाइनल कर सकते हैं, इसके तहत खाड़ी देशों को अरब देशों से जोड़ने के लिए रेलवे प्रोजेक्ट शुरू किया जा सकता है. भारत, अमेरिका और सऊदी अरब के बीच एक इंफ्रास्ट्रक्चर डील फाइनल हो सकती है. ऐसा हुआ तो रेलवे नेटवर्क को बंदरगाह और शिपिंग लेन के जरिए भारत से भी जोड़ा जाएगा. इस डील के लिए तीनों नेताओं के बीच बात चल रही है. प्रोजेक्ट के तहत अगर गल्फ और अरब के बीच के रेलवे नेटवर्क को समुद्री मार्ग से साउथ एशिया से जोड़ा जाता है तो इससे भारत तक तेजी और कम लागत में तेल और गैस पहुंचेगी. इस कनेक्टिविटी से खाड़ी देशों में रहने वाले लाखों भारतीयों भी फायदा होगा. वहीं, इस प्रोजेक्ट से भारत की रेलवे सेक्टर में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डर के तौर पर ब्रांडिंग होगी.
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भारत और सऊदी अरब के बीच आर्थिक व्यापार बढ़ता जा रहा है. दोनों देशों के बीच साल 2022-23 में व्यापार अपने उच्चतम स्तर (52.75 बिलियन डॉलर) पर पहुंच गया. अब भारत जहां सऊदी अरब का दूसरा तो वहीं सऊदी अरब भारत के लिए चौथा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर बन गया है. ऊर्जा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं.
व्यापार के अलावा भी दोनों देशों में नजदीकियों की और भी कई वजहें हैं. सऊदी अरब में लगभग 24 लाख भारतीय रहते हैं, यहां लाखों कामगार काम करते हैं. सऊदी हर साल 175,000 भारतीयों के लिए हज यात्रा का आयोजन भी करता है.
— भारत एक्सप्रेस
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