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Bangladesh Election: शेख हसीना 5वीं बार बनेंगी PM, पार्टी ने दर्ज की प्रचंड जीत, विपक्ष के बायकॉट का नहीं हुआ असर

Sheikh Hasina: प्रधानमंत्री शेख हसीना गोपालगंज-3 लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही थीं. उन्हें 2 लाख 49 हजार 965 वोट मिले हैं. उनके प्रतिद्वंदी रहे एम. निजामउद्दीन लश्कर को सिर्फ 469 वोट ही मिले.

Sheikh Hasina

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना

Sheikh Hasina: बांग्लादेश में एक बार फिर से देश की कमान शेख हसीना के हाथों में पहुंच गई है. रविवार (7 जनवरी) को हुए आम चुनाव में शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी ने 2 तिहाई से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही. शेख हसीना बांग्लादेश की 5वीं बार प्रधानमंत्री बनेंगी. शेख हसीना 1991 से लेकर 1996 और उसके बाद 2009 से पीएम पद पर हैं. अब एक बार फिर से उनकी पार्टी को बहुंत मिलने के बाद पीएम पद संभालेंगी.

आवामी लीग ने दर्ज की बड़ी जीत

7 जनवरी को हुए चुनाव के बाद आवामी लीग 300 संसदीय सीटों में से 224 सीटें जीत चुकी हैं, इसके अलावा बांग्लादेश जातीय पार्टी को 4 सीटें, निर्दलीय 62 और अन्य के खाते में एक सीट आई है. बाकी की दो सीटों पर अभी भी गिनती जारी है.

8वीं बार शेख हसीना ने दर्ज की जीत

प्रधानमंत्री शेख हसीना गोपालगंज-3 लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही थीं. उन्हें 2 लाख 49 हजार 965 वोट मिले हैं. उनके प्रतिद्वंदी रहे एम. निजामउद्दीन लश्कर को सिर्फ 469 वोट ही मिले. शेख हसीना इस सीट से अब तक 8वीं बार चुनाव जीत चुकी हैं.

विपक्ष ने चुनाव का किया था बायकॉट

बांग्लादेश में 2018 में हुए चुनाव में बंपर वोटिंग हुई थी, लेकिन इस बार के आम चुनाव का विपक्षी पार्टियां पहले से ही बायकॉट कर रही थीं. इसलिए चुनाव में सिर्फ 40 फीसदी वोट ही पड़े. आवामी लीग के नेता और पार्टी महासचिव ओबैदुल कादिर ने दावा किया कि लोगों ने वोट देकर BNP और जमात-ए-इस्लामी को चुनाव बायकॉट करने का करारा जवाब दिया है. चुनाव से पहले बांग्लादेश में कई जगह हिंसक घटनाएं हुईं. वहीं वोटिंग के दौरान भी कई जगहों पर हिंसक झड़पें हुईं. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और आगजनी की घटनाएं भी हुईं.

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पूर्व पीएम खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेताओं ने चुनाव को फर्जी करार दिया. बीएनपी ने इससे पहले 2014 में भी चुनाव का बहिष्कार किया था. इस बार भी BNP के साथ 15 पार्टियों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था. बीएनपी ने लोगों से वोट न करने की अपील की थी. हालांकि इस बायकॉट का कुछ खास असर दिखाई नहीं दिया.

-भारत एक्सप्रेस



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