रक्षा स्टेशनों के बाहर 'देखते ही गोली मार दी जाएगी' जैसे साइनबोर्ड
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में टिप्पणी की कि रक्षा प्रतिष्ठानों/स्टेशनों के बाहर लगाए गए साइनबोर्डों पर ‘देखते ही गोली मार दी जाएगी’ और ‘अतिक्रमण करने वालों को गोली मार दी जाएगी’ जैसे संदेश लिखना उचित नहीं है. अदालत ने सलाह दी कि केंद्र सरकार को चेतावनियां देने के लिए हल्के शब्दों का प्रयोग करना चाहिए.
जस्टिस शेखर कुमार यादव की पीठ ने कहा कि हालांकि यह सच है कि सुरक्षा के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के परिसरों में अतिक्रमणकारियों को प्रवेश की अनुमति नहीं है, लेकिन ऐसे शब्दों का बच्चों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, इसलिए केंद्र सरकार को इस प्रकार के शब्द लिखने में सावधानी बरतनी चाहिए.
नेपाली नागरिक से संबंधित मामला
यह टिप्पणी एक नेपाली नागरिक की जमानत की सुनवाई के दौरान अदालत ने की, जिसे इस साल फरवरी में नशे में धुत होकर अवैध रूप से वायुसेना स्टेशन में घुसने के आरोप में पकड़ा गया था. उस व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे. उसके संबंध में यह तर्क दिया गया कि वह अशिक्षित था और रोजगार की तलाश में भारत में आया था तथा वायुसेना स्टेशन में प्रवेश करने का उसका कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था.
अदालत ने केंद्र से जानना चाहा
सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से जानना चाहा कि ऐसे साइन बोर्ड लगाने की क्या जरूरत है, खासकर बच्चों सहित राहगीरों के लिए. आदेश में कहा गया, ‘यह सच है कि सुरक्षा के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के परिसर में अतिक्रमणकारियों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, लेकिन ‘देखते ही गोली मार दी जाएगी’ जैसी भाषा का उल्लेख मेरे विचार से उचित नहीं है, खासकर, जहां सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठान सार्वजनिक स्थान पर स्थित हैं, जहां आम जनता, विशेष रूप से बच्चे आते-जाते रहते हैं.’
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अदालत ने कहा, ‘इस तरह के शब्दों का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए केंद्र सरकार को इस तरह के शब्दों को लिखने में सावधानी बरतनी चाहिए. ‘अतिक्रमणकारियों को गोली मार दी जाएगी’ और ‘देखते ही गोली मार दी जाएगी’ के स्थान पर हल्के शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस