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सपा और भाजपा ने अपने कुर्मी नेताओं को दी जिम्मेदारी, OBC में दूसरी सबसे बड़ी बिरादरी के वोट बैंक पर नजर

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है यह तभी संभव है जब हर वर्ग का समर्थन भाजपा को मिले.

फोटो-सोशल मीडिया

लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने 80 सीटें जीतने का लक्ष्य है तो समाजवादी पार्टी इस लक्ष्य को भेदने में जुटी है. यही वजह है कि पिछड़ा वर्ग में प्रभावी जातियों के बीच पहुंचने की होड़ मची है. यूपी में ओबीसी में यादव के बाद सबसे बड़ी बिरादरी कुर्मी समाज की है. कुर्मी समाज को जोड़ने के लिए भाजपा और सपा ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है. भारतीय जनता पार्टी ने कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिए अपने कुर्मी मंत्रियो, सांसदों और विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है. यह नेता कुर्मी बिरादरी के जनप्रतिनिधि, सेवानिवृत अधिकारी, चिकित्सक, वकील, शिक्षाविद, समाजसेवी, पूंजीपति, व्यापारी और उद्यमी के बीच जायेंगे.

सम्मेलन के जरिये भाजपा के कुर्मी नेता सरकार की मंशा और विचारधारा से जोड़ने का काम करेंगे. भाजपा संगठन ने यूपी सरकार मेँ जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री राकेश सचान, मंत्री संजय गंगवार, एमएलसी अवनीश सिंह पटेल और विधायक प्रभात वर्मा समेत कई नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है. यह नेता नवम्बर से कुर्मी सम्मेलन का आयोजन करेंगे. सम्मेलन के जरिये समाज की ताकत बढ़ाने और भागीदारी पर चर्चा की जाएगी. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है यह तभी संभव है जब हर वर्ग का समर्थन भाजपा को मिले.

सपा ने नरेश उत्तम को दी जिम्मेदारी

यूपी में कुर्मी समाज ओबीसी में 35 फिसदी के आसपास है. इनका 8 से 10 लोकसभा सीटों पर अच्छा प्रभाव है, इन सीटों पर कुर्मी वोटर निर्णायक की भूमिका में होते हैं. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने और जातीय जनगणना के मुद्दे को इनके बीच धार देने की योजना बनाई है. कुर्मी वोटरों के बीच पीडीए का फार्मूला और सामाजिक न्याय की बात रखेगी. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, विधायक लालजी वर्मा, सपा नेता आशुतोष वर्मा समेत कई कुर्मी नेताओं को जिम्मेदारी दी है.

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25 जिलों में है कुर्मी समाज का प्रभाव

यूपी में कुर्मी समाज का 25 जिलों में प्रभाव है. 16 जिलों में 12 फिसदी से अधिक सियासी ताकत रखते हैं. पूर्वांचल, बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र में कई लोकसभा सीटों पर इनका प्रभाव है. जो किसी भी दल का सियासी खेल बनाने और बिगाड़ने की स्थिति में हैं. रुहेलखण्ड में संतोष गंगवार तो पूर्वांचल में अनुप्रिया पटेल कुर्मी समाज का चेहरा हैं, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी भी जनाधार बढ़ाने में जुटे हैं. मौजूदा समय में यूपी में 6 कुर्मी सांसद और 26 विधायक भाजपा से हैं. दो कुर्मी सांसद पंकज चौधरी और अनुप्रिया पटेल केंद्र सरकार में मंत्री हैं.

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