शंभू बॉर्डर पर बनी रहेगी यथास्थिति.
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा शंभू बॉर्डर को खोलने के दिए गए आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेशनल हाईवे पार्किंग एरिया नहीं है. यह जल्द से जल्द निपटना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला और अंबाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और दोनों जिलों के उपायुक्तों को बैठक करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं, छात्राओं के लिए राजमार्ग को आंशिक रूप से खोलने पर विचार करने को कहा है.
22 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने कहा कि यदि दोनों राज्य सरकारें हरियाणा और पंजाब सामाधान करने में सक्षम हैं तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करने की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाधान को तुरंत प्रभावी होने देना चाहिए. कोर्ट 22 अगस्त को अगली सुनवाई करेगा. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइया की पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है.
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मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के AG गुरमिंदर सिंह ने कहा कि हम समिति के गठन से सहमत हैं. मेरे पास एक प्रतिष्ठित व्यक्ति का प्रस्ताव है. वहीं हरियाणा सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर चयन के लिए हमारे पास कुछ और नाम हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपके पास छह नाम का प्रस्ताव है. जिसपर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह सही है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सुरजीत सिंह क्या आईएएस में पदोन्नत अधिकारी थे. शायद वह एक प्रसिद्ध टाउनप्लानर थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रयासों की सराहना करते हैं, आपने उस व्यक्ति को चुना है जो अराजनीतिक हैं.
SC ने केंद्र सरकार से पूछे थे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि हम पंजाब-हरियाणा के बीच लड़ाई नहीं चाहते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सरकार हैं और आपको किसानों से बात करनी चाहिए. वह दिल्ली आना चाहते हैं, क्यों? एसजी ने कहा कि उनका दिल्ली में स्वागत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपका कोई मंत्री गया है बात करने के लिए. स्थिति सुधारने के लिये कोई कदम उठाया गया है?
-भारत एक्सप्रेस