‘जनता से हमारी अपील है मोदी को तीसरी बार PM न बनाएं..’, क्यों भन्नाए ओवैसी?
Saudi Arabia Crown Prince: जी20 शिखर सम्मेलन खत्म हो चुका है और विदेशी मेहमानों ने वापस अपने देश लौटना शुरू कर दिया है. हालांकि अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सउद अभी भारत में ही रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह हैदराबाद हाउस में साउदी के प्रिंस के साथ मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक की. हैदराबाद हाउस में आयोजित बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के कार्यवृत्त पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद प्रिंस मोहम्मद राष्ट्रपति पहुंचे.
इससे पहसे साउदी के प्रिंस राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे. जहां उनका भव्य तरीक से स्वागत किया गया. इस दौरान उन्हें राष्ट्रपति भवन में आज गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया है.
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया है कि, “एजेंडे में ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खाद्य सुरक्षा, संस्कृति और सामुदायिक कल्याण मुद्दों सहित द्विपक्षीय सहयोग के व्यापक क्षेत्र शामिल थे.” दोनों देशों के बीच इन सभी मुद्दों पर गहराई के साथ चर्चा हुई. बैठक के दौरान प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि, “मैं आपको जी 20 शिखर सम्मेलन के प्रबंधन और मध्य पूर्व, भारत और यूरोप को जोड़ने वाले आर्थिक गलियारे सहित हासिल की गई पहलों के लिए बधाई देता हूं, जिसके लिए आवश्यक है कि हम इसे वास्तविकता में बनाने के लिए लगन से काम करें.”
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वहीं पीएम ने रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक में कहा कि, “भारत के लिए सउदी अरब हमारे सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक है. विश्व की दो बड़ी और तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमारा आपसी सहयोग पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है. अपनी बातचीत में, हमने अपनी साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए कई पहलों की पहचान की है. उन्होंने आगे कहा कि, “आज की बैठक से हमारे संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी और हमें मिलकर मानवता की भलाई के लिए काम करते रहने की प्रेरणा मिलेगी. कल हमने भारत, पश्चिमी एशिया और यूरोप के बीच कॉरिडोर स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक शुरुआत की है। इससे न केवल दोनों देश आपस में जुड़ेंगे बल्कि एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक सहयोग, ऊर्जा के विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी को बल मिलेगा.”
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