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जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

Supreme Court: याचिका में यह तर्क दिया गया कि जम्मू-कश्मीर के परिसीमन अभ्यास को अभी 2026 तक रोका जा सकता था.

Supreme Court

सर्वोच्च न्यायालय

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है. यहां हुए परिसीमन में राज्य की विधानसभा सीटों की संख्या को बढ़ा दिया गया है.

फैसले का असर अनुच्छेद 370 पर नहीं पड़ेगा

राज्य में परिसीमन आयोग के गठन की वैधता और उसके बाद की प्रक्रिया को चुनौती देने वाले श्रीनगर के निवासी हाजी अब्दुल गनी खान और डॉ. मोहम्मद अयूब मट्टू द्वारा दायर याचिकाओं को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और एएस ओका की पीठ ने खारिज कर दिया.

याचिका खारिज करने के दौरान फैसले के ऑपरेटिव भाग को पढ़कर सुनाते हुए, न्यायमूर्ति ओका ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस फैसले का कोई असर अनुच्छेद 370 से जुड़े लंबित पड़े मामलों और जम्मू-कश्मीर के दो संघ शासित प्रदेशों में परिणामी पुनर्गठन पर नहीं पड़ेगा.

याचिका में कही गई थी यह बात

हाजी अब्दुल गनी खान और मोहम्मद अयूब मट्टू द्वारा अपनी याचिका में यह तर्क दिया गया कि जम्मू-कश्मीर के परिसीमन अभ्यास को अभी 2026 तक रोका जा सकता था, क्योंकि लोकसभा क्षेत्रों के लिए इसे 2021 की जनगणना के आधार पर किया जाना था.

अधिवक्ता श्रीराम पी के जरिए दायर इस याचिका में 2020, 2021 और 2022 में जारी अधिसूचनाओं के संदर्भ में किए गए परिसीमन अभ्यास की वैधता पर सवाल उठाया गया. दोनों की ओर से दायर इस याचिका में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 107 से बढ़ाते हुए 114 करने के निर्णय को चुनौती दी गई थी.

सरकार ने दिया यह तर्क

इस मामले में सरकार का कहना है कि जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का फैसला किया था उस वक्त 2019 में संसद में पारित परिसीमन आयोग जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का एक हिस्सा था. इस पैनल द्वारा बीते साल मई में जम्मू और कश्मीर में परिसीमन का काम पूरा किया है. पैनल ने 90 विधानसभा और पांच संसदीय क्षेत्रों में बदलाव किया है.

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नई जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हैं इतनी सीटें

परिसीमन के बाद नई जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 114 सीटें हो गई हैं. इनमें से 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) को सौंपी गई हैं. वहीं बची हुई बाकि के 90 सीटों के लिए मतदान होगा.

इन 90 सीटों में जम्मू क्षेत्र में 43 तो कश्मीर घाटी में 47 सीटें हैं. परिसीमन आयोग ने इस बात की भी सिफारिश की है कि पाक अधिकृत जम्मू और कश्मीर (POJK) में शरणार्थियों और दो कश्मीरी प्रवासियों को राज्य की विधानसभा में नामित किया जाए.

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