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तेलंगाना CM के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई कड़ी आपत्ति, पूछा- क्या एक संवैधानिक पदाधिकारी को ऐसा कहना चाहिए?

तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में बीआरएस नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर सवाल उठाए. जिस पर कोर्ट ने सीएम को फटकार लगाई है.

Revanth Reddy

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Telangana CM Revanth Reddy) के खिलाफ कैश फॉर-वोट घोटाला मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि हमें केस को ट्रांसफर करने पर विचार करना होगा. सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. कोर्ट ने पूछा-क्या एक संवैधानिक पदाधिकारी को इसी तरह बयान देना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि संस्थाओं के प्रति परस्पर सम्मान होना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि हम राजनीतिक कारणों से आदेश पारित करते हैं. कोर्ट ने रेवंत रेड्डी को दिलाया याद दिलाते हुए कहा कि कल ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव को अवमाननापूर्ण टिप्पणी के लिए नोटिस जारी किया है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि रेवंत रेड्डी कोर्ट को लेकर लगातार टिप्पणी कर रहे हैं. जिसके बाद कोर्ट ने केस को ट्रांसफर करने पर विचार करने की बात कही है. कोर्ट सोमवार को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी के मिश्रा और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका गुंटा कांडला जगदीश रेड्डी और तीन अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के लिए जरूरी है कि केस को तेलंगाना से भोपाल ट्रांसफर किया जाए. याचिकाकर्ताओं में तेलंगाना के एक पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री शामिल है.

याचिका में कहा गया है कि रेड्डी इस समय मुख्य आरोपी हैं, तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री है और गृहमंत्री बन गए हैं, जिनके खिलाफ 88 आपराधिक मामले लंबित है. इन परिस्थितियों में चुकी अभियुक्त का अभियोजन पर सीधा नियंत्रण है, इसलिए यह समझा जाता है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई की कोई संभावना नहीं हो सकती है.

बता दें कि यह मामला 31 मई 2015 का है. उस समय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने विधान परिषद चुनावों में कथित तौर पर टीडीपी उम्मीदवार वेम नरेंद्र रेड्डी का समर्थन करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को 50 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए रेवंत रेड्डी को गिरफ्तार किया था. रेवंत रेड्डी उस समय टीडीपी में थे. रेवंत रेड्डी के अलावा एसीबी ने कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में उन सभी को जमानत दे दी गई. एसीबी को इस मामले में ऑडियो और वीडियो सबूत भी मिले हैं. एसीबी ने अपने चार्जशीट में आरोपों का साबित करने वाले इन ऑडियो और वीडियो साक्ष्य को शामिल किए हैं.

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-भारत एक्सप्रेस

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