आजम खान (फाइल फोटो)
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें रामपुर में जौहर स्कूल के लिए आवंटित जमीन के पट्टे को रद्द कर दिया गया था और उत्तर प्रदेश सरकार को भूमि अधिग्रहण की अनुमति दे दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है. इससे पहले याचिकाकर्ता आजम खान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अभी स्कूल में 300 बच्चे पढ़ रहे हैं, हाई कोर्ट आदेश पर रोक लगाए जाए और उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को रद्द किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करें वहां पढ़ रहे करीब 300 छात्रों का दाखिला दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में हो सके.
वर्ष 2004 में राज्य सरकार ने रामपुर में सरकारी प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान खोलने का निर्णय लिया और इसके जमीन अधिगृहित की गई. भवन का निर्माण 80 साल पूरा होने पर आजम खान ने कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कराया और सरकारी संस्था को मौलाना जौहर अली विश्विद्यालय से सम्बंध करा लिया. हालांकि अल्पसंख्यक मंत्रालय की कई आपत्तियां थी. उन्हें नजर अंदाज किया गया.
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रामपुर जिले में तत्कालीन यूपी सरकार ने एक जमीन 99 साल की लीज पर मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को दिया था. लेकिन यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद उस जमीन की लीज रद्द कर दी गई. इसके बाद वहां संचालित हो रहे रामपुर पब्लिक स्कूल को बंद करने का आदेश दिया गया, लेकिन जौहर ट्रस्ट ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसके निर्देश पर इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में हो चल रही थी.
-भारत एक्सप्रेस