सुप्रीम कोर्ट
नीट-यूजी परीक्षा के खिलाफ दायर 8 नई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NTA को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट 8 जुलाई को सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की, जिसपर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि कोर्ट अगर परीक्षा रद्द करता है तो अपने आप काउंसलिंग रद्द हो जाएगी.
केस ट्रांसफर को लेकर नोटिस जारी
वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने NTA की चार ट्रांसफर याचिका पर विभिन्न हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. NTA ने विभिन्न हाईकोर्ट से लंबित याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की है. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट NTA की ओर से दायर ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट को नोटिस जारी कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट में जो नई याचिका दायर की गई है, उनमें एक याचिका तन्मय शर्मा समेत 20 छात्रों के एक ग्रुप की ओर से दायर की गई है.
छात्रों ने की ये मांग
याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में CBI या दूसरी एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई. याचिका में इस परीक्षा में 620 अंक से ज्यादा पाने वाले छात्रों की अकादमिक और फॉरेंसिक जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी से कराने की मांग की गई थी. इसके अलावा NEET परीक्षा को दोबारा कराने के साथ-साथ केंद्र सरकार और NTA को परीक्षा के दौरान पारदर्शिता बरतने, पेपर लीक न होने और परीक्षा के दौरान गलत तरीकों के इस्तेमाल भविष्य न हो, इसके लिए उचित कदम उठाए जाने का निर्देश देने की मांग गई है.
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वहीं बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली छात्रा प्रिया गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर भी कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. छात्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है. इसके अलावा परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है. जबकि प्रिया गुप्ता के पिता को भरोसा है कि आज नहीं तो कल NEET 2024 परीक्षा जरूर रद्द होगी.
कोर्ट ने दी थी चेतावनी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NTA को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर 0.01% प्रतिशत भी किसी की खामी पाई गई, तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे. कोर्ट ने कहा था कि ये छात्रों की मेहनत का सवाल है, हमें इसका एहसास है कि उन्होंने कैसे तैयारी की है. कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई फ्रॉड के जरिए डॉक्टर बन भी जाता है तो कल्पना की जा सकती है कि वो समाज और सिस्टम के लिए कितना बड़ा खतरा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि NTA छात्रों की शिकायत को नज़रअंदाज न करें या उसे अन्यथा न ले, अगर एग्जाम में वाकई कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें और उसपर एक्शन ले. एक एजेंसी से उम्मीद की जाती है कि वो निष्पक्ष नजर आए.
-भारत एक्सप्रेस
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