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Delhi: रिज क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल से हलफनामा मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना और डीडीए के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा से हलफनामा देने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले से संबंधित असली दस्तावेज तलब किया है.

Lieutenant Governor VK Saxena

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना.

रिज इलाकों में रोक के बाद पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली के (Delhi Lt Governor) उपराज्यपाल वी.के सक्सेना और डीडीए (DDA) के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा से हलफनामा देने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले से संबंधित असली दस्तावेज तलब किया है. कोर्ट ने उपराज्यपाल द्वारा दिए गए हलफनामे में कही गई बातों पर शक जाहिर किया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल ने हलफनामे में जो बातें कही है उसपर हमें शक है. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को करेगा.

नहीं पता था कोर्ट की अनुमति जरूरी: उपराज्यपाल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि उन्हें नहीं पता था कि राजधानी के रिज क्षेत्र में पेडों की कटाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता है. उपराज्यपाल ने कहा कि निर्माणाधीन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान तक सड़क को चौड़ा करने के लिए राजधानी के रिज क्षेत्र में प्रस्तावित सड़क पर पेड़ों की कटाई के लिए अदालत की अनुमति लेने की आवश्यकता के बारे में उन्हें तीन फरवरी को साइट के दौरे पर अवगत नहीं कराया गया था.


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कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हुआ है: याची

दिल्ली की रहने वाली बिंदु कपूरिया द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के अनुमति के बिना रिज में लगभग 1100 पेड़ काट दिए गए. यह एमसी मेहता (M.C. Mehta case 1996) मामले में मई 1996 में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है. लिहाजा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट के अवमानना की कार्रवाई की जाए. छतरपुर से सार्क विश्वविद्यालय और मैदान गढ़ी और सतबरी इलाकों में अन्य प्रतिष्ठानों तक 10 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण का काम चल रहा है, जिसके चलते 1100 पेड़ों को काट दिया गया.

-भारत एक्सप्रेस

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