
घरेलू कामगारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार से एक समिति बनाने को कहा है. कोर्ट ने समिति से छह महीने में रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से घरेलू कामगारों के नियमन और सुरक्षा के लिए कानूनी उपाए को लेकर सुझाव देने को कहा है.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेएन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दिया आदेश
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेएन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि घरेलू कामगारों के उत्थान के लिए कानून की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि घरेलू कामगारों के शोषण किया जाता है और उन्हें पर्याप्त भुगतान नहीं किया जाता है. कोर्ट ने कहा कि घरेलू एक आवश्यक कार्यबल है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कोई कानून नही है. इसमें कहा गया है कि घरेलू कामगार नियोक्ताओं और एजेंसियो द्वारा शोषण, दुर्व्यवहार और तस्करी के प्रति संवेदनशील है.
कोर्ट ने यह आदेश एक युवक के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को खारिज करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि कार्यस्थल पर शोषण के खिलाफ महिलाओं की रक्षा करने वाले श्रम कानूनों या अन्य कानूनों के साथ-साथ किशोर न्याय अधिनियम के तहत भी सुरक्षा नहीं मिलती है. हालांकि कोर्ट ने इस मुद्दे पर तमिलनाडु सरकार, महाराष्ट्र सरकार और केरल सरकार के कानूनों की सराहना की है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि घरेलू कामगारों की गरिमा और सुरक्षा की रक्षा करने की आवश्यकता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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