

Saharanpur Honor Killing: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गांव इस्लामनगर में हुए ऑनर किलिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के कहा कि यह स्पष्ट तौर पर हत्या का मामला है, ना कि गैर इरादतन का. कोर्ट ने कहा उन्हें क्यों छिपना चाहिए? सिर्फ इसलिए कि वे अलग-अलग धर्म के हैं? कोर्ट ने निचली अदालत और हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए हत्या यानी धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है.
मृतक को 14 चोटें
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा मृतक के पिता याचिकाकर्ता अय्यूब अली ने कहा कि यह ऑनर किलिंग का मामला है. उनके बेटे जिया उर रहमान को मृत्यु से पहले 14 चोटें आई जिसके बाद अधिक खून बहने के कारण मौत हो गई थी. आरोप है कि लड़की के परिवार ने पीड़िता की पिटाई की. कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से हैरान है कि सीआरपीसी की धारा 304 के तहत आरोप कैसे तय किए गए. कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रेमी युगल को सिर्फ इसलिए क्यों छिपना पड़े कि वो अलग-अलग धर्मों से है.
आगे कोर्ट ने यह भी कहा कि निचली अदालत और हाई कोर्ट ने इस मामले में गंभीर त्रुटि की है और यह उन्हें समझना चाहिए था कि यह एक सुनियोजित हत्या है. सुप्रीम कोर्ट ने 2022 के गुलाम हसन बेग मामले में कहा कि वह आरोप तय करते समय अदालत के पास सबूतों को छानने और जांचने के अधिकार है, लेकिन जांचना उसका कर्तव्य है कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है या नही. जब सामग्री से गंभीर संदेह का पता चलता है, जिसे ठीक से समझाया नहीं गया है तो अदालत को मुकदमा चलाने का अधिकार है.
हत्या के तहत नए सिरे से चलेगा मुकदमा
कोर्ट ने कहा कि आईपीसी 302 के तहत नए सिरे से आरोप तय किए जाने चाहिए और उसी के अनुसार मुकदमा आगे बढ़ना चाहिए. बता दें कि याचिकाकर्ता ने 2 नवंबर 2022 को शिकायत की थी कि उनके बेटे को कुछ लोगों ने पीटा, जिस कारण उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने आरोपी भुरू उर्फ जनेश्वर, मनेश्वर सैनी, प्रियांशु और शिवम के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया था. एफआईआर के अनुसार इन आरोपियों ने जियाउर्रहमान को डंडों और मुक्कों से पीटा था. जिससे उसकी मौत हो गई.
-भारत एक्सप्रेस
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