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सुप्रीम कोर्ट ने जिलिंग एस्टेट भीमताल में निर्माण कार्य की अनुमति के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को बहाल रखा

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भीमताल के जिलिंग एस्टेट पर हो रहे निर्माण कार्य के खिलाफ दायर जनहित याचिका के बाद यहां निर्माण कार्य पर लगी रोक हटा दी थी, जिसे याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

uttarakhand high court

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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को बहाल कर दिया है, जिसमें जिलिंग एस्टेट भीमताल में निर्माण कार्य किए जाने की अनुमति दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 23 नवंबर, 2022 को हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को बहाल किया जाता है. यह मामला देवन्या फाइव स्टार होटल और रिसॉर्ट परियोजना के हिस्से के रूप में जिलिंग एस्टेट में प्रस्तावित निर्माण गतिविधियों से संबंधित है.

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के 23 नवंबर 2022 के अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए कहा था कि जिलिंग एस्टेट में निर्माण की अनुमति देने से मामले में अंतिम सुनवाई होने की क्षेत्र की स्थिति बदल सकती है. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि इस मामले में पर्यावरणीय मुद्दे भी शामिल हैं, इसलिए विवादित आदेश को रद्द किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाइकोर्ट से तीन महीने के भीतर निर्णय करने को कहा था.

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जानें क्या था मामला

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भीमताल के जिलिंग एस्टेट पर हो रहे निर्माण कार्य के खिलाफ दायर जनहित याचिका के बाद यहां निर्माण कार्य पर लगी रोक हटा दी थी, जिसे याचिकाकर्ता वीरेंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

वीरेंद्र सिंह ने याचिका में कहा है कि 1980 के दशक में जिलिंग एस्टेट को संपत्ति बेची गई थी. वह इसकी आड़ में आसपास के इलाकों में व्यवसायिक गतिविधियां कर रहा है. इसको लेकर याचिकाकर्ता ने पहले एनजीटी और फिर सुप्रीम कोर्ट से अपील की. याचिका में कहा गया कि जिलिंग एस्टेट के द्वारा करीब 44 विला और हेलीपैड और रिसॉर्ट कॉटेज सहित अन्य का निर्माण किए जा रहे हैं.

हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथमदृष्टया यह प्रतीत होता है कि एस्टेट ने घने वन क्षेत्रों में विकास गतिविधियों को अंजाम दिया है, जिसमें 40 फीसदी से अधिक घने पेड़ हैं, हम पूरे जिलिंग के नए सिरे से जांच कराना चाहते है. 11 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्व व वन विभाग से इसका सर्वे और जांच करने का आदेश दिया था. उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई.

-भारत एक्सप्रेस 

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