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यौन उत्पीड़न के आरोपी मलयालम अभिनेता सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 30 सितंबर को सुनवाई करेगा

हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है. कई अभिनेताओं और निदेशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने 25 अगस्त को इन मामलों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की थी.

Malayalam actor Siddique

मलयालम अभिनेता सिद्दीकी

यौन उत्पीड़न मामले में आरोपों का सामना कर रहे मलयालम अभिनेता सिद्दीकी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 30 सितंबर को सुनवाई करेगा. जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ मामले में सुनवाई करेगी. केरल हाईकोर्ट ने सिद्दीकी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए सिद्दीकी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सिद्दीकी ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया है कि अभिनेत्री ने उनके खिलाफ निराधार और झूठे दावे किए हैं कि उन्होंने 2016 से लगातार पांच वर्ष एक थियेटर में उसका (अभिनेत्री का) यौन उत्पीड़न किया और मौखिक यौन प्रस्ताव दिए.

सिद्दीकी ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि अब वह उसी वर्ष एक अलग स्थान पर बलात्कार जैसे अधिक गंभीर अपराध का पूरी तरह से विरोधाभासी आरोप लगा रही है. अभिनेत्री ने जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस साल अगस्त में एक अभिनेत्री द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सिद्दीकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. अभनेत्री ने अभिनेता.सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ( बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए गए है.

सिद्दीकी ने महिला अभिनेता द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था. न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट में खुलासे के बाद कई निदेशकों और अभिनेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. केरल सरकार ने 2017 में एक अभनेत्री पर हमला मामले में जांच समिति का गठन किया था. हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है. कई अभिनेताओं और निदेशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने 25 अगस्त को इन मामलों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की थी.


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-भारत एक्सप्रेस

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