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सुप्रीम कोर्ट में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर 22 जनवरी को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई करेगा. हुसैन के वकील ने चुनाव प्रचार के लिए जमानत की मांग की, जबकि दिल्ली पुलिस ने उसे समाज के लिए खतरा बताते हुए विरोध किया.

Tahir Hussain

ताहिर हुसैन

सुप्रीम कोर्ट ने AIMIM उम्मीदवार और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई करेगा. जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच मामले में सुनवाई कर रही है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कुल 11 मामले है. 9 मामलों में जमानत मिल चुकी है. एक पीएमएलए का मामला है. आपको अंतरिम जमानत का अवसर कहां है?

कोर्ट ने कहा कि आप ऐसे जिरह कर रहे हैं जैसे कि आप नियमित जमानत मांग रहे हो. वही ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील ने कहा कि ताहिर हुसैन को 16 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया गया था.

ऐसे व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोक देना चाहिए

कोर्ट ने कहा कि ट्रायल की स्थिति क्या है. हुसैन के वकील ने कहा कि 115 गवाह है. 22 गवाहो का बयान दर्ज किया गया है. लेकिन इसमें से एक भी व्यक्ति ने यह नहीं कहा कि मैंने सहयोग नहीं किया है, यहां तक कि मुख्य हमलावरों को भी जमानत मिल चुकी है. जस्टिस मिथल ने कहा कि आप नियमित जमानत के बजाए अंतरिम जमानत पर दबाव क्यों डाल रहें है? मानो जीवन का एक मात्र लक्ष्य चुनाव लड़ना है. दिल्ली पुलिस की तरफ से 22 जनवरी को दलीलें रखेंगी. उसके बाद कोर्ट तय करेगा कि ताहिर हुसैन को जमानत दी जाए या नही.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि ऐसे सभी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोक देना चाहिए. ताहिर हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है.

कोर्ट ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत ठुकराया

दिल्ली हाई कोर्ट ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत की मांग ठुकराते हुए कहा था कि ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगों की साजिशकर्ता होने का आरोप है, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई. कोर्ट इस तथ्य को नजर अंदाज नही कर सकता है. सिर्फ पूर्व पार्षद होने के चलते वो अंतरिम जमानत का हकदार नही है. दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है. इसको अंतरिम जमानत दी गई तो ये सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है. गवाहों को प्रभावित कर सकता है.

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा था कि चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है. जेल से भी नामांकन दाखिल किया जा सकता है. ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर है. ताहिर हुसैन पर एक आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की जघन्य हत्या का आरोप है. ट्रायल बहुत अहम स्टेज पर है. इस मामले में चार गवाह मुकर चुके है. हुसैन के खिलाफ युएपीए और पीएमएलए के तहत केस लंबित है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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