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भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी महेश राउत की अंतरिम जमानत याचिका पर इस दिन सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

महेश राउत को जून 2018 में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं. मामला दिसंबर 2017 में महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एल्गार परिषद से संबंधित है.

Bhima Koregaon Case

Bhima Koregaon Case

Bhima Koregaon Case: भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी महेश राउत की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के अवकाशकालीन पीठ 21 जून को सुनवाई करेगी. राउत ने अपनी दादी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए याचिका दाखिल की है.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा ये सवाल

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि अंतिम संस्कार 26 मई को था, तो अब कौन-कौन से आयोजन होने बाकी हैं? आपने यह नहीं बताया कि वे कब होंगे? वहीं एनआईए की ओर से पेश वकील ने कहा कि मुझे निर्देश देने के लिए समय चाहिए, उन्होंने तारीखें नहीं बताई हैं.


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जमानत मिलने के बाद रद्द

बता दें कि 33 वर्षीय महेश राउत को निचली अदालत से जमानत मिल गई थी, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया. कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि एनआईए ने उनके खिलाफ जो सबूत पेश किए, उनकी पुष्टि नहीं हो पाई. राउत को कुछ हद तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का सदस्य कहा जा सकता है, लेकिन किसी आतंकी गतिविधि के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है. एनआईए यह साबित नहीं कर सकी कि वह प्रतिबंधित संगठन में लोगों की भर्ती करने में शामिल थे.

राउत को जून 2018 में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं. मामला दिसंबर 2017 में महाराष्ट्र के पुणे में आयोजितएल्गार परिषद से संबंधित है. पुणे पुलिस के अनुसार माओवादियों ने इस सम्मेलन का आयोजन किया था. पुलिस ने आरोप लगाया था कि सम्मेलन में दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे में भीमा-कोरेगांव युद्ध स्मारक पर हिंसा हुई थी.

-भारत एक्सप्रेस

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