सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है. समिति ने कहा है कि आंदोलन का अगुवाई कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को कई बार बुलाया गया लेकिन वो नहीं आए. समिति ने 21 नवंबर से अब तक कि कार्रवाई और किसान संगठनों से हुई बातचीत से संबंधित अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है.
समिति कि रिपोर्ट के मुताबिक 11 और 12 सितंबर को चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों की बैठक बुलाई थी. बैठक में तय किया गया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को बातचीत के लिए बुलाया जाए. समिति ने नवंबर में फिर बैठक बुलाई. जिसमें 12 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल हुए. बैठक में किसान नेताओं ने 13 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत कर समिति से अनुरोध किया कि वह इन मांगों को लागू करने की आवश्यकता से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराएं. जिसपर समिति ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि उनकी बातों को सुप्रीम कोर्ट तक पहुचा दी जाएगी. समिति ने यह भी साफ कर दिया है कि यह अंतरिम रिपोर्ट है, अभी फाइनल रिपोर्ट दाखिल नही की है. ऐसे में किसान संगठन चाहे तो अपनी बात कमेटी के सामने रख सकते हैं.
बता दें कि 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी को किसानों से एमएसपी और अन्य मुद्दों पर बातचीत करने का निर्देश दिया था और पैनल से किसानों से बैरिकेडिंग हटाने के लिए बातचीत करने को कहा गया था. साथ, ही कोर्ट ने किसानों से यह भी कहा था कि वे अपने आंदोलन का राजनीतिकरण न करें और अपनी बैठकों में अनुचित मांगे न रखे.
ज्ञात हो कि किसानों ने केंद्र पर उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कदम ना उठाने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि 18 फरवरी के बाद से केंद्र सरकार ने उनके मुद्दों पर उनसे कोई बातचीत नहीं की है. एमएसपी के लिए कानून गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे है.
-भारत एक्सप्रेस
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