दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में कथित आरोपी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों में छूट दे दिया है.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत की शर्तों से छूट देते हुए कहा कि हमारा मानना है कि शर्त की आवश्यकता नहीं है और इसलिए इसे हटाया जाता है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया को ट्रायल के दौरान नियमित रूप से कोर्ट में पेश होना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देते समय उन्हें सोमवार और गुरुवार को पुलिस स्टेशन में उपस्थिति दर्ज कराने को कहा था.
पिछली सुनवाई में मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा था कि मनीष सिसोदिया जांच अधिकारियों के सामने 60 बार पेश हुए और सभी 18 तारीखों पर निचली अदालत में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि मैं एक सम्मनित व्यक्ति हूं. इसी मामले के अन्य आरोपियों पर ऐसी शर्तें नहीं लगाई गई हैं, क्योंकि ईडी ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई.
सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में मनीष सिसोदिया को जमानत दे दिया था. कोर्ट ने सिसोदिया को 10 लाख रुपये के दो निजी मुचलके पर जमानत दी थी. साथ ही कोर्ट ने शर्तें रखी थी कि वह हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे. कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि बिना सुनवाई के 17 महीने तक जेल में रहने की वजह से वह शीघ्र सुनवाई के अपने अधिकार से वंचित हो गए है.
बता दें कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामले में सीबीआई और ईडी ने गिरफ्तार किया था. सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने और नौ मार्च 2023 को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
-भारत एक्सप्रेस
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