
26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकार 16 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भारत लाया गया है. गुरुवार, 10 अप्रैल 2025 को विशेष विमान से दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर उतरते ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राणा को गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली की विशेष NIA अदालत ने उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है, ताकि 2008 के आतंकी हमले की साजिश को पूरी तरह उजागर किया जा सके. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का 2011 का एक वीडियो और ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने राणा को अमेरिका द्वारा बरी किए जाने की आलोचना की थी. यह घटना न केवल भारत की कूटनीतिक जीत को दर्शाती है, बल्कि पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प को भी रेखांकित करती है.
तहव्वुर राणा कौन है? (Tahawwur Rana)
तहव्वुर हुसैन राणा, पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक, 26/11 मुंबई हमलों (26/11 Mumbai attacks) का प्रमुख योजनाकार माना जाता है. उसने अपने सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर मुंबई में हमले के लिए टोही और योजना बनाई थी. 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में समुद्री मार्ग से घुसकर रेलवे स्टेशन, दो लग्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए थे. राणा ने हेडली को मुंबई में अपनी आव्रजन सेवा कंपनी का कार्यालय खोलने की अनुमति दी, जिसे हेडली ने हमले की टोही के लिए कवर के रूप में इस्तेमाल किया. राणा पर आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और आतंकवाद के आरोप हैं.
NIA की हिरासत और पूछताछ की तैयारी
NIA ने राणा की पूछताछ के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. उसे NIA मुख्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर एक उच्च-सुरक्षा सेल में रखा गया है, जहां 24 घंटे डिजिटल निगरानी की जा रही है. एक 12 सदस्यीय टीम, जिसका नेतृत्व NIA की डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल जया रॉय कर रही हैं, राणा से पूछताछ कर रही है. पूछताछ तीन मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित है. मुंबई हमलों की योजना और निष्पादन, लश्कर-ए-तैयबा के साथ राणा के संबंध, और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की संभावित भूमिका. NIA ने राणा के ईमेल, कॉल रिकॉर्ड और हेडली के साथ उसकी बातचीत के सबूत अदालत में पेश किए हैं. सूत्रों के अनुसार, राणा को हमले से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो और वॉयस रिकॉर्डिंग दिखाई जाएंगी, ताकि उससे सटीक जानकारी हासिल की जा सके. पूछताछ को थकान या तनाव से बचाने के लिए बीच-बीच में ब्रेक दिए जाएंगे.
PM Modi का 2011 का वीडियो और ट्वीट
राणा के प्रत्यर्पण के बाद पीएम मोदी का 2011 का एक वीडियो और ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है. उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी ने अमेरिका द्वारा राणा को मुंबई हमले से संबंधित आरोपों से बरी करने पर यूपीए सरकार की विदेश नीति की कड़ी आलोचना की थी. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “अमेरिका द्वारा तहव्वुर राणा को मुंबई हमले में निर्दोष घोषित करना भारत की संप्रभुता का अपमान है और यह विदेश नीति का बड़ा झटका है.” वीडियो में उन्होंने कहा, “शिकागो की अदालत ने राणा को रिहा करने का आदेश दिया है. इससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाली हर शक्ति के सामने सवाल खड़ा हो गया है. भारत सरकार को अमेरिका और पाकिस्तान के रवैये के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए.” सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे पीएम मोदी (PM Modi) का एक और वादा पूरा होने के रूप में देखा, कई ने लिखा, “मोदी भारत के दुश्मनों को कभी नहीं भूलते.”
#ThrowbackThursday Narendra Modi Comments On The Ordered Release Of 26/11 Plotter Tahawwur Rana By Chicago Court [June 2011] pic.twitter.com/Llp6L4BnOp
— RT_India (@RT_India_news) April 10, 2025
कानूनी प्रक्रिया और प्रत्यर्पण की यात्रा
राणा का भारत प्रत्यर्पण 16 साल की लंबी कानूनी लड़ाई का परिणाम है. 2009 में अमेरिका में FBI द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद, राणा को 2011 में मुंबई हमले से संबंधित आरोपों से बरी कर दिया गया था, हालांकि उसे लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने और डेनमार्क में आतंकी साजिश के लिए 14 साल की सजा सुनाई गई थी. भारत ने लगातार उसके प्रत्यर्पण की मांग की. फरवरी 2025 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद प्रत्यर्पण को मंजूरी दी. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की अपील खारिज कर दी, जिसके बाद उसे भारत लाया गया. इस प्रक्रिया में NIA, NSG, और विदेश मंत्रालय सहित कई भारतीय और अमेरिकी एजेंसियों का सहयोग रहा.
सजा की संभावना और जनता की उम्मीदें
26/11 के हमले (26/11 Mumbai attacks) ने भारत के दिल को झकझोर दिया था. इस हमले में शामिल कई आतंकियों को सजा मिल चुकी है, जैसे अजमल कसाब को 2010 में फांसी दी गई थी. लेकिन राणा जैसे मास्टरमाइंड अब तक बचते रहे थे. अब जब वह भारत की हिरासत में है, हर भारतीय यह जानना चाहता है कि क्या उसे फांसी की सजा मिलेगी. NIA ने राणा के खिलाफ मजबूत सबूत जुटाए हैं, जिसमें हेडली के साथ उसकी बातचीत, ईमेल और अन्य दस्तावेज शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि राणा के खिलाफ केस मजबूत है, और NIA तेजी से उसे सजा दिलाने की दिशा में काम कर रही है.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
राणा के प्रत्यर्पण ने सोशल मीडिया पर उत्साह पैदा किया है. लोग पीएम मोदी (PM Modi) की 2011 की टिप्पणियों को याद कर रहे हैं और उनकी दृढ़ता की सराहना कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, “मोदी जी ने एक और वादा पूरा किया.” दूसरे ने कहा, “यह भारत की जीत है, हमारे दुश्मनों को अब कोई नहीं बचा सकता.” कई लोगों ने इसे भारत की कूटनीतिक ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का परिणाम बताया.
NIA पूछताछ में नहीं छोड़ेगी कोई कसर
NIA अब राणा से पूछताछ में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि क्या मुंबई हमले जैसी साजिश देश के अन्य शहरों में भी थी. राणा को विभिन्न शहरों में ले जाकर सबूत जुटाए जा सकते हैं. उसकी सेहत की निगरानी के लिए हर 48 घंटे में मेडिकल जांच होगी, क्योंकि उसके वकीलों ने अस्थमा, पार्किंसंस और संज्ञानात्मक समस्याओं का दावा किया है. NIA का लक्ष्य न केवल राणा को सजा दिलाना है, बल्कि हमले के पीछे की पूरी साजिश, फंडिंग और अन्य अज्ञात व्यक्तियों की भूमिका को उजागर करना है.
न्याय की ओर एक कदम
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह न केवल 26/11 पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक कदम है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की अटल प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है. पीएम मोदी (PM Modi) का पुराना वीडियो और उनकी टिप्पणियां इस बात का सबूत हैं कि भारत अपने दुश्मनों को कभी नहीं भूलता. अब NIA की पूछताछ से उम्मीद है कि मुंबई हमले की पूरी सच्चाई सामने आएगी, और राणा को उसके अपराधों की सजा मिलेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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