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स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में विभव कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई को लेकर कोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित

विभव कुमार ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया इसके साथ ही जबरदस्ती कस्टडी में रखने का मुआवजा भी मिले और पुलिस वालों के खिलाफ विभागीय जांच हो।

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विभव कुमार और स्वाति मालीवाल

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में गिरफ्तार विभव कुमार की ओर से दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नही इसपर दिल्ली हाइकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। जस्टिस स्वर्णकांता बिभव कुमार द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि बिभव कुमार की याचिका सुनवाई योग्य नही है। कोर्ट ने कहा कि पहले वह तय करेगा कि बिभव कुमार की ओर से दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नही।

क्या कहा विभव के वकील ने

विभव कुमार के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी गलत है। कुछ भी बरामद नही हुआ है। गिरफ्तारी अवैध है। बिना पुछताछ के गिरफ्तारी की गई है। गिरफ्तारी के समय दिल्ली पुलिस द्वारा कानून का पालन नही किया गया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि रिमांड अर्जी में गिरफ्तारी का कारण बताया गया है।दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह कहना कि धारा 41A का पालन नही हुआ है, यह गलत है। विभव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरिहरन ने कहा कि 13 मई को घटना घटी। 16 तारीख को FIR दायर हुई। जब आरोपी बिभव कुमार जांच में सहयोग करने को तैयार थे, 18 को गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी। विभव की गिरफ़्तारी गैर जरूरी थी। हमने गिरफ्तारी को चुनौती दी है।

विभव कुमार को ओर से पेश वकील ने कहा कि बिभव कुमार को बिना नोटिस दिए गिरफ्तार किया गया है। विभव कुमार ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया इसके साथ ही जबरदस्ती कस्टडी में रखने का मुआवजा भी मिले और पुलिस वालों के खिलाफ विभागीय जांच हो।

गिरफ्तारी के खिलाफ विभव पहुंचे हाईकोर्ट

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी विभव कुमार ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी को अवैध और दंड प्रकिया संहिता की धारा 41 A के प्रावधानों का घोर उल्लंघन घोषित करने के निर्देश देने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट का रुख किया है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि याचिकाकर्ता को उनकी अवैध गिरफ्तारी के लिए उचित मुआवजा दिया जाए, जो जानबूझकर और कानून के प्रावधानों का घोर उल्लंघन है। बिभव कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक बिभव कुमार ने मालीवाल की छाती, पेट समेत शरीर के अंदरूनी हिस्सों पर भी प्रहार किया था।

स्वाति मालीवाल के आरोप

सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी सामने आए है, जिनमें कथित हमले के दिन मालीवाल को सुरक्षाकर्मियों से बहस करते और मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलते हुए दिखाया गया है। स्वाति मालीवाल के दावों के मुताबिक 13 मई को बिभव कुमार ने उन पर बेरहमी से हमला किया था और जब उन्होंने बताया कि वह पीरियड्स में है तब भी वह नही रुके। हमले के बाद मालीवाल ने दावा किया कि उनके बाहों में दर्द है और उन्हें चलने में दिक्कत हो रही है। मालीवाल ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री आवास में विभव कुमार उनकी तरफ चिल्लाते हुए आए, धमकी दी और उन्हें कथित रूप से गालियां भी दी। उन्होंने आरोप लगाया था, बिभव ने क्रूरतापूर्वक हमला किया, उन्हें घसीटा गया और सेंटर टेबल पर उनका सिर पटक दिया गया।

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