Sambhal Jama Masjid case
Sambhal Jama Masjid case: संभल की शाही जामा मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दोबारा दरवाजा खटखटाया है. मस्जिद की सीढ़ियों/प्रवेश द्वार के पास स्थित निजी कुएं को लेकर यथास्थिति बनाए रखने की मांग को लेकर यह याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में यह भी कहा गया है कि संभल जिला मजिस्ट्रेट को दिशा निर्देश देने की मांग की गई है.अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के अनुमति के बिना इस संबंध में कोई कार्रवाई या कदम ना उठाया जाए. कमेटी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नही करने का जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि संभल में प्रशासन शांति और सौहार्द स्थापित करने के लिए कदम उठाए. लेकिन जिला प्रशासन इलाके में पुराने मंदिर और कुएं तलाशने में जुटा हुआ है. कमेटी के चेताने के बावजूद मस्जिद के पास बने कुएं में जांच की गई. प्रशासन का ये काम किसी भी तरह शांति और सौहार्द स्थापित करने का नही है.
पुराने मंदिरों और कुओं की तलाश पर जताई आपत्ति
संभल हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के कार्रवाई पर रोक लगा दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि सर्वे रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में ही रहेगी. उसे फिलहाल नही खोला जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की भी हिदायत दी थी. संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित आयोग दो माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा. सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद व सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन को आयोग का सदस्य बनाया गया है. बता दें कि दो दिन के सर्वे करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. कोर्ट ने रिपोर्ट देने के लिए कमिटी को 29 नवंबर तक का समय दिया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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