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PNG मंत्रालय: गैस पाइपलाइन नेटवर्क का 10,805 किलोमीटर तक किया जाएगा विस्तार, रिफाइनिंग क्षमता 2028 तक 256.8 MMTPA

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने घोषणा की कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने दिसंबर 2024 तक देश भर में खुदरा दुकानों पर 17,939 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन और 206 बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन स्थापित किए हैं.

प्रतीकात्मक फोटो.

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (PNG) ने कहा कि भारत के प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार 10,805 किलोमीटर तक किया जाएगा, जो मौजूदा 24,945 किलोमीटर के ऑपरेशनल नेटवर्क में शामिल होगा. यह विस्तार राष्ट्रीय गैस ग्रिड को पूरा करने के प्रयासों का हिस्सा है, जिससे सभी क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस की एक समान उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य

देश का लक्ष्य इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के तहत 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण हासिल करना है. दिसंबर 2024 तक, इथेनॉल मिश्रण 16.23% तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष 14.60% था. पिछले एक दशक में, इस कार्यक्रम ने विदेशी मुद्रा में ₹1.08 लाख करोड़ की बचत की है, CO2 उत्सर्जन में 557 लाख मीट्रिक टन की कमी की है और किसानों को ₹92,400 करोड़ का भुगतान करने में मदद की है.

SATAT पहल के तहत, 80 संपीड़ित बायो-गैस (CBG) संयंत्र चालू किए गए हैं, जिनमें से 72 संयंत्र निर्माणाधीन हैं. वित्त वर्ष 2025-26 से, CNG और PNG खंडों में CBG का मिश्रण अनिवार्य हो जाएगा, जो 1% से शुरू होकर वित्त वर्ष 2028-29 तक धीरे-धीरे 5% तक बढ़ जाएगा.

रिफाइनिंग क्षमता 2028 तक 256.8 MMTPA

मंत्रालय ने घोषणा की कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने दिसंबर 2024 तक देश भर में खुदरा दुकानों पर 17,939 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन और 206 बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन स्थापित किए हैं. भारत की रिफाइनिंग क्षमता 2028 तक 256.8 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) से बढ़कर 309.5 MMTP होने का अनुमान है. यह वृद्धि 11 PSU रिफाइनरियों में चल रही परियोजनाओं और नई ग्रीनफील्ड रिफाइनरियों की स्थापना से प्रेरित होगी.

घरेलू गैस उत्पादन वित्त वर्ष 2022-23 में 34.45 बिलियन क्यूबिक मीटर (BSM) से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 36.44 BSM हो गया है.

79,264 करोड़ की परियोजनाएं चल रही

मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी (HELP) के तहत 13 हाइड्रोकार्बन खोजों और नामांकन और अनुबंध व्यवस्था के तहत 12 खोजों की भी रिपोर्ट दी. जुलाई 2024 में पेश की गई सरकार की एकीकृत पाइपलाइन टैरिफ, ₹80.97/MMBTU का एक स्तरीय टैरिफ निर्धारित करती है, जिसका उद्देश्य “एक राष्ट्र, एक ग्रिड, एक टैरिफ” प्रणाली बनाना है.

मंत्रालय ने घरेलू उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देकर आयात निर्भरता को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया. यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹79,264 करोड़ के लक्षित व्यय के साथ लगभग ₹5.7 लाख करोड़ मूल्य की तेल और गैस परियोजनाएं कार्यान्वयन में हैं.


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-भारत एक्सप्रेस



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