अपनी पत्नी भानवी के साथ राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह (फोटो सोशल मीडिया)
UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अभी परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी पूर्व राज्यमंत्री स्वाति सिंह के तलाक की खबर ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष एवं कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी कुमारी के 28 साल पुराने रिश्ते भी तलाक की दहलीज पर जा खड़े हुए. इस खबर के सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में चर्चा जोरों पर है कि आखिर क्यों और कैसे राजवाड़े खानदान के रिश्ते तलाक की भेंट चढ़ रहे हैं.
अंदुरुनी वजह चाहे कोई भी हो, लेकिन जो चर्चा है वो ये कि देवर और भाभी का विवाद ही पति-पत्नी के रिश्ते के बीच खाई लेकर आया और नतीजतन राहें जुदा हो गईं. फिलहाल सोमवार को तलाक की सुनवाई टाल दी गई है और अब 23 मई को इस मामले में दिल्ली के साकेत पारिवारिक न्यायालय में सुनवाई होगी. बताया जा रहा है कि राजा भैया ने करीब 6 महीने पहले अपनी पत्नी भानवी के खिलाफ पारिवारिक न्यायालय में तलाक का मुकदमा दायर किया था. तो वहीं चर्चा ये भी है कि तलाक की नौबत उस वक्त आई, जब भानवी ने राजा भैया के बेहद खास एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया था. हालांकि दोनों कई महीनों से अलग रह रहे हैं.
इस वजह से आई रिश्तों में खटास
सूत्रों की मानें तो राजाभैया और उनकी पत्नी के बीच रिश्तों में खटास कई वर्षों से थी, लेकिन यह मामला खुलकर सामने तब आ गया, जब भानवी सिंह ने राजा भैया के बेहद करीबी व मुंहबोले छोटे भाई एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह पर धोखाधड़ी और जालसाजी सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया. भानवी ने आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू थाने में शिकायत दी और कहा था कि वह ‘श्रीदा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक कंपनी की डायरेक्टर और मेजोरिटी शेयर होल्डर हैं. अक्षय प्रताप सिंह ने उनके जाली डिजिटल हस्ताक्षर कर कंपनी के मेजोरिटी शेयर अपने नाम कर लिये. इतना ही नहीं खुद को और अपने करीबियों को कंपनी का डायरेक्टर भी नियुक्त कर लिया. इसके बाद भानवी की शिकायत पर EOW ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 109 और 120बी के तहत मामला दर्ज कर लिया था. मालूम हो कि जब भानवी ने अक्षय प्रताप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, तभी राजा भैया ने कह दिया था कि इस विवाद में वे अपने भाई के साथ खड़े हैं, इसके बाद दोनों के बीच जो खटास बंद दरवाजे में थी वो खुलकर सामने आ गई थी.
1995 में हुई थी शादी
राजा भैया की शादी साल 1995 में बस्ती राजघराने की राजकुमारी भानवी सिंह के साथ हुई थी. शादी के समय राजा भैया की उम्र करीब 25 साल जबकि भानवी की उम्र करीब 20 साल थी. दोनों चार बच्चों (दो बेटे-दो बेटियों) के माता-पिता है. कुछ वर्षों से दोनों के रिश्ते के बीच जब खटास शुरू हुई तो राजाभैया से अलग होकर भानवी सिंह दिल्ली स्थित अपने आवास पर रहने लगी थीं. 28 साल की शादीशुदा जिंदगी के बाद राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी के बीच ऐसी दरार पड़ी कि वैवाहिक रिश्ते तलाक की दहलीज पर जा खड़े हुए हैं. बताया जाता है कि कई रिश्तेदारों ने दोनों को मिलाने की कोशिश भी की, लेकिन बात नहीं बनी. वहीं बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी के तलाक की कॉपी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. प्रतापगढ़ में राजघराने के बीच तलाक की चर्चा को लेकर राजनीति में भी चर्चा जमकर हो रही है.
जाने क्या करती है श्रीदा प्रॉपर्टीज?
सूत्रों के मुताबिक, श्रीदा प्रॉपर्टीज रियल स्टेट का बिजनेस करती है. यह करीब 16 साल पुरानी कंपनी है. companycheck.com पर दी गई जानकारी के मुताबिक इस कंपनी की नींव नवंबर 2007 में रखी गई थी और मुख्यालय लखनऊ है. ये कम्पनी लखनऊ से ही अपना कामकाज करती है. 2021 की डिटेल के मुताबिक, तब कंपनी के कुल 5 डायरेक्टर थे, जिनमें भानवी कुमारी सिंह के अलावा उनकी सबसे बड़ी बेटी राघवी कुमारी सिंह और अक्षय प्रताप सिंह भी शामिल थे. भानवी श्रीदा प्रॉपर्टीज इकलौती कंपनी की ही नहीं बल्कि सारंग इंटरप्राइजेज में भी भानवी की हिस्सेदारी है. बताया जा रहा है कि दोनों कम्पनी में उनकी करीब 85 फीसदी की हिस्सेदारी है.
अपने पति से भी अमीर हैं भानवी
भानवी अपने पति राजा भैया से भी अधिक अमीर हैं. जानकारी सामने आ रही है कि, दो कंपनियों में मेजॉरिटी शेयर होल्डर होने के नाते दस्तावेजों में भानवी कुमारी सिंह अपने पति राजा भैया से भी अमीर हैं. विधानसभा चुनाव के वक्त राजा भैया ने जो हलफनामा दिया था, उसमें उन्होंने बताया कि उनके पास करीब 6 करोड़ की चल और अचल संपत्ति है, तो वहीं उनकी पत्नी के नाम पर सवा सात करोड़ से ज्यादा की चल और अचल प्रॉपर्टीज हैं. वहीं प्रतापगढ़ के कुंडा बेती निवासी राजा भैया का उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा दबदबा है. वह हमेशा अपनी बाहुबली अंदाज के लिए चर्चा में बने रहते हैं. राजा भैया 1993 से लगातार 7वीं बार कुंडा विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं. राजा भैया बेती और भदरी राजमहल के राजकुमार भी हैं. वह यूपी सरकार में जेल और खाद्य मंत्री भी रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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