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Raja Bhaiya

इन दिनों सियासी पारा चढ़ा हुआ है. माननीय बनने की चाह रखने वालों से लेकर बनवाने वाले उनके समर्थकों तक को सूरज की तपिश में तपना पड़ रहा है. कभी जिसको देखकर वो सीधे मुंह बात नहीं करते थे, उनको भी चाचा नमस्ते बोलना पड़ रहा है.

तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के आदेश पर 2 नवंबर 2002 को प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को गिरफ्तार किया गया था. इस कार्रवाई के बाद से ही भाजपा और बसपा के बीच दरार पड़ गई थी.

वोटिंग को लेकर जारी ट्रेनिंग के लिए लोकभवन पहुंचे राजा भैया ने कहा कि उनके दोनों विधायक भाजपा के प्रत्याशी को वोट करेंगे. सभी आठों प्रत्याशियों की जीत तय है.

UP Politics: राजा भैया के पास उनका खुद का वोट और उनकी पार्टी में प्रतापगढ़ की बाबागंज सीट से विधायक विनोद सरोज का वोट है, जिसको भाजपा और सपा दोनों की हासिल करना चाहती है.

Rajya Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं.

Kunda: राजा भैया ने कहा कि, क़तर में मृत्युदंड पाने वाले आठ भारतीयों की रिहाई और सुरक्षित घर वापसी भारत की बड़ी सामरिक और कूटनीतिक जीत है.

Lucknow: लखनऊ में भानवी सिंह और तीन अन्य लोगों के खिलाफ मानहानि और गरिमा को अपमानित करने का केस दर्ज कराया गया था, इसी मामले में भानवी सिंह ने स्टे लेने के लिए याचिका दायर की थी.

तत्कालीन अखिलेश सरकार के समय में इस मामले में सीबीआई की जांच के बाद राजा भैया से पूछताछ की गई थी और बाद में केस में क्लीन चिट दे दी गई थी. हालांकि, अब फिर उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी हैं..

Raja Bhaiya-Bhanvi Divorce Case: भानवी सिंह ने कोर्ट से कहा कि राजा भैया को महंगे ब्रांड्स को शौक हैं. इसको लेकर वहीं भानवी सिंह ने भी कोर्ट से गूची,बरबरी,फेरागामो जैसे ब्रांड के प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए 10 लाख रुपये हर महीने गुजार भत्ते की मांग की है.

भानवी सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई थी और 30 सितम्बर 2022 को हजरतगंज कोतवाली में दी गई तहरीर पर कार्रवाई की मांग की थी.