बसपा सुप्रीमो मायावती (फोटो फाइल)
Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर सभी राजनीतिक दलों की तैयारी तेज हो गई है. सभी विरोधो दल इंडिया गठबंधन के तहत एकजुट होकर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को हटाने की योजना बना रहे हैं तो इसी बीच यूपी में फतह हासिल करने और अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को भी शामिल करने को लेकर प्रयास जारी है. तो वहीं अब प्रदेश में तीसरे मोर्चे को सुगबुगाहट तेज हो गई हैं. खबर सामने आ रही है कि मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होने को तैयार नहीं हैं और वह वो तीसरे मोर्चे की तैयारी कर रही हैं. इससे माना जा रहा है कि सपा को बड़ा नुकसान हो सकता है.
जानकारों की मानें तो मायावती अगर अकेले चुनावी मैदान में उतरती हैं तो इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. तो वहीं कहा जा रहा है कि अगर मायावती और ओवैसी की पार्टी एक साथ यूपी में चुनाव लड़ती हैं तो, इससे कई सीटों पर असर पड़ सकता है. जानकार कहते हैं कि अगर यूपी में बसपा और एआईएमआईएम का गठबंधन होता है तो ये तीसरा मोर्चा पश्चिमी और पूर्वी यूपी की कई सीटों पर इंडिया गठबंधन का खेल बिगाड़ सकता है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में करीब ग्यारह सीटें ऐसी हैं, जहां पर दलित और मुस्लिम वोटर अगर एक साथ आते हैं तो निर्णायक भूमिका में रह सकते हैं. इन्हीं सीटों में सहारनपुर की सीट भी शामिल हैं, जहां मुस्लिम वोटर बीस फ़ीसदी हैं.
मालूम हो कि 2019 में सपा-बसपा गठबंधन ने जब लोकसभा चुनाव लड़ा था तब, बसपा ने यहां से जीत दर्ज की थी. तो इसी के साथ ही मेरठ, बिजनौर, बुलंदशहर और कैराना में भी दलित और मुस्लिम गठजोड़ इंडिया गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकता है. तो वहीं 2019 में मुरादाबाद सीट भी सपा ने जीती थी, लेकिन बसपा अलग रहकर इस सीट पर भी टक्कर दे सकती है. अलीगढ़ और संभल सीट पर भी मुस्लिम आबादी निर्णायक भूमिका में हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर मायावती और ओवैसी की पार्टी एक साथ आ जाती है तो इंडिया गठबंधन के साथ ही सपा की के लिए भी बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है. इसी समीकरण को देखते हुए इंडिया गठबंधन लगातार मायावती को गठबंधन में शामिल करने का प्रयास कर रहा है.
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यहां भी माय़ावती कर सकती हैं बड़ा खेल
बता दें कि यूपी में भाजपा को हराने के लिए इंडिया गठबंधन खुद को मजबूत करने में जुटा है और यही कारण है कि मायावती का साथ चाहता है. इसलिए इन दिनों अखिलेश यादव के सुर भी बसपा को लेकर नरम दिखाई दे रहे हैं, लेकिन मायावती की ओर से किसी भी तरह से इंडिया गठबंधन में शामिल होने के संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं. तो वहीं राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर सुगबुगाहट तेज है कि, बसपा सुप्रीमो इन दिनों असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी के साथ संपर्क में हैं और तीसरे मोर्चे पर काम कर रही है. जानकार मानते हैं कि अगर ऐसा होता है तो पूर्वांचल में घोसी, गाजीपुर, आजमगढ़ ऐसी सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटर बड़ी तादाद में हैं, ऐसे में अगर दलित वोटर भी इसके साथ जुड़ जाएं तो मायावती यहां बड़ा खेल कर सकती हैं. अगर वो जीत भी नहीं पाती हैं तो भी इंडिया गठबंधन की हार का बड़ा कारण तो बन ही सकती हैं.
15 जनवरी को होगा बड़ा फैसला
माना जा रहा है कि, मायावती अपने जन्म दिन यानी 15 जनवरी के मौके पर कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं. वह बहनजी ऐप लांच करने जा रही हैं, जिससे युवा मतदाताओं से वह सीधे जुड़ने जा रही हैं. माना जा रहा है कि इसी के साथ ही मायावती गठबंधन को लेकर भी 15 जनवरी को बड़ा ऐलान कर सकती हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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