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व्यापमं (VYAPAM) घोटाला: मेडिकल प्रवेश घोटाले में 10 दोषियों को 3 साल की कठोर सजा, CBI कोर्ट का फैसला

CBI की विशेष अदालत ने व्यापमं घोटाले में MBBS में फर्जी दाख़िला पाने वाले 10 दोषियों को 3 साल की कठोर सजा और ₹16,000 जुर्माना सुनाया. अदालत का यह फैसला 2009 की पीएमटी परीक्षा से जुड़ा है.

Delhi High Court

सांकेतिक तस्वीर

CBI की विशेष अदालत ने व्यापमं (VYAPAM) द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से MBBS में फर्जी तरीके से प्रवेश पाने के मामले में 10 दोषियों को तीन साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है. साथ ही सभी पर कुल ₹16,000 का जुर्माना भी लगाया गया है.

सजा पाने वालों में चार परीक्षार्थी — विकास सिंह, कपिल पर्टे, दिलीप चौहान और प्रवीण कुमार, एक बिचौलिया — सत्येंद्र सिंह, और पांच नकली परीक्षार्थी (इम्पर्सोनेटर) — नरेंद्र कुमार, अवधेश कुमार, रमेश कुमार, प्रीतेश सिंह और शिव करण साहू शामिल हैं.

यह मामला 2009 में पीएमटी परीक्षा में फर्जीवाड़े से संबंधित है, जिसमें गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में 2006 से 2012 के बीच गलत तरीके से MBBS में दाख़िले कराए गए थे. सुप्रीम कोर्ट के 9 जुलाई 2015 के आदेश के तहत CBI ने इस केस को फिर से दर्ज कर जांच शुरू की थी.

जांच के दौरान सभी नकली परीक्षार्थियों की पहचान की गई. CBI ने हस्तलेख, अंगूठे के निशान और अन्य वैज्ञानिक सबूतों के लिए CFSL (Central Forensic Science Laboratory) से रिपोर्ट प्राप्त की और दो पूरक आरोपपत्र (चार्जशीट) दाख़िल किए.

  • पहली चार्जशीट (31 जनवरी 2019) में 8 अभियुक्तों को नामजद किया गया.
  • दूसरी चार्जशीट (19 दिसंबर 2019) में दो अन्य इम्पर्सोनेटरों को शामिल किया गया.

विशेष न्यायाधीश (CBI, व्यापमं मामलों के लिए नियुक्त) एवं 18वें अपर सत्र न्यायाधीश, भोपाल की अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए तीन-तीन साल की कठोर कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई.

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-भारत एक्सप्रेस



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