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वक्फ संशोधित कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू, सीजेआई ने दो अहम सवाल उठाए

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधित कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी है. सीजेआई ने दो अहम सवाल उठाए, जिसमें याचिकाओं पर सुनवाई की जगह और बहस के बिंदु पर सवाल किए गए.

Supreme Court
Aarika Singh Edited by Aarika Singh

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधित कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है. अदालत ने याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दो अहम सवाल उठाए हैं. पहला यह कि क्या इन याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाए या फिर इसे उच्च न्यायालय को सौंप दिया जाए, और दूसरा यह कि याचिकाकर्ता किस बिंदु पर बहस करना चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने वक्फ संशोधित कानून पर अपने विचार प्रस्तुत किए. उन्होंने कहा कि इस्लाम में विरासत मौत के बाद लागू होती है, लेकिन नए कानून ने पहले ही इस पर हस्तक्षेप किया है. सिब्बल ने यह भी कहा कि नए कानून के तहत जिन संपत्तियों को वक्फ के रूप में पहचाना गया है, उन्हें अब वक्फ नहीं माना जाएगा, जो कि उनके अनुसार असंवैधानिक है.

सिब्बल ने मामले में राम जन्मभूमि के फैसले का हवाला भी दिया और कहा कि यह पूरी तरह से सरकारी टेकओवर का मामला है, जो संविधान के अनुच्छेद 25 और अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है. सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में हस्तक्षेप किया जा रहा है, जो धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है.

सीजेआई ने उठाए प्राचीन स्मारकों के मुद्दे

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सिब्बल से पूछा कि पंजीकरण में क्या समस्या है? सिब्बल ने कहा कि वे नहीं चाहते कि वक्फ संपत्तियों को सरकारी हस्तक्षेप के बिना समाप्त किया जाए. इस पर सीजेआई ने कहा कि हिंदू धर्म के मामलों में भी सरकार ने कानून बनाए हैं और अनुच्छेद 26 धर्मनिरपेक्ष है, जो सभी धर्मों पर लागू होता है.

इसके अलावा, सीजेआई ने यह भी कहा कि जामा मस्जिद जैसे प्राचीन स्मारकों को संरक्षित किया जाएगा, और वक्फ के बाद ऐतिहासिक इमारतें ASI के तहत संरक्षित की जा सकती हैं.

सिख नेता भी वक्फ कानून के खिलाफ

इस मामले में सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग ही नहीं, बल्कि सिख समुदाय के सदस्य भी इस वक्फ संशोधित कानून के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. सिख नेता दया सिंह ने भी वक्फ कानून के खिलाफ याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि गैर-मुस्लिमों को वक्फ में दान से रोकना संपत्ति पर उनके अधिकार और धार्मिक अभिव्यक्ति के खिलाफ है, और यह संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है.

सुप्रीम कोर्ट में कुल 73 याचिकाएं दायर

अब तक वक्फ कानून के खिलाफ कुल 73 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. इनमें से कई प्रमुख वकील और नेता इस मामले में पक्षकार बने हुए हैं. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में अब भी कई अहम सवालों का जवाब मिलना बाकी है.

सुनवाई के अगले कदम

सीजेआई संजीव खन्ना ने स्पष्ट किया कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अंतिम फैसला करेगा, और सभी पक्षों से अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अदालत इस मामले को उच्च न्यायालय को सौंपेगी या सुप्रीम कोर्ट में ही आगे बढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Waqf Act Amendments पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र सरकार से मांगा जवाब; 17 अप्रैल को फिर होगी सुनवाई

-भारत एक्सप्रेस



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