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CWC meeting: कांग्रेस की पुनगर्ठित वर्किंग कमेटी (CWC) की पहली बैठक शनिवार को हैदराबाद में होने जा रही है. इस बैठक में अगामी लोकसभा चुनाव और इस साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर रणनीति और कई अन्य विषय पर मंथन किया जाएगा. 5 राज्यों के चुनावों में तेलंगाना भी शामिल हैं यहां साल के आखिर में चुनाव होने हैं. वहीं इस बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ ‘INDIA’ की एकजुटता को आगे ले जाने पर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दूसरे चरण की संभावनाओं को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की जा सकती है.
कांग्रेस के लिए CWC की बैठक अहम होने वाली है क्योंकि इस बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा होनी है और आगे की रणनीति बनानी है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस CWC की बैठक हैदराबाद में ही क्यों कर रही है. चलिए अब आपको इसके पीछे की गणित समझाते हैं.
अगर कांग्रेस के यहां बैठक करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह समझा जाए तो यहां भी कुछ समय बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस इस आयोजन के माध्यम से तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को भी चुनौती देने की तैयारी में है. कार्य समिति की बैठक के साथ ही कांग्रेस तेलंगाना के लिए छह ‘गारंटी’ की घोषणा करेगी. बता दें कि तेलंगाना में बैठक बीजेपी और केसीआर की भारत राष्ट्र समिति के लिए एक संयुक्त संदेश है. बैठक से पहले कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि, “कांग्रेस तेलंगाना को विशेष महत्व दे रही है. राज्य में BRS बीजेपी की ‘बी’ टीम है. बीजेपी यहां अकेले कांग्रेस से नहीं लड़ सकती, इसलिए उसने अपनी बी टीमों को मैदान में उतारा है.
तेलंगाना में बैठक के पीछे यह भी वजह होगी कि इसमें कांग्रेस के आलाकमान समेत पार्टी के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल होने वाले हैं. इसमें चार मुख्यमंत्री भी मौजूद होंगे. इसके अलावा कांग्रेस 17 सितंबर को राज्य में तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जाने वाली एक सार्वजनिक रैली आयोजित की जाएगी. कांग्रेस ने CWC को फिर से पुनगर्ठित किया है. यह पहली बार होगा कि कांग्रेस की नई टीम और शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था दिल्ली के बाहर तीन दिनों तक विचार-विमर्श करेगी.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “मुझे लगता है कि अनिवार्य रूप से प्रमुख विषयों में से एक देश में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, चुनाव संभावनाएं और INDIA गठबंधन की बैठकों में हमारा प्रतिनिधित्व कर रही समिति को यह जानकारी देना है कि वहां क्या हो रहा है… हमें उम्मीद है कि चुनाव सामान्य समय पर होंगे, लेकिन यह सरकार चुनाव पहले भी करा सकती है.”
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