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Jantar Mantar: पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन आरोपों के खिलाफ पिछले 36 दिनों से धरने पर बैठे पहलवान नए संसद भवन की ओर कूच पर निकल थे. इस दौरान दिल्ली पुलिस और पहलवानों के बीच नोकझोक हो गई. पुलिस के मुताबिक पहलवानों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर संसद कूच करने की कोशिश की, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया. नयी संसद के उद्घाटन के मौक पर महिला महापंचायत का ऐलान किया गया था. पुलिस पहलवानों को हिरासत में लेने के साथ ही जंतर मंतर से उनके सामान को भी हटा दिया. जिसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि पहलवानों का प्रदर्शन 36 दिनों बार खत्म हो सकता है.
पहलवानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर अलग-अलग स्थलों पर भेज दिया गया. पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के अन्य सामान के साथ चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत को हटा दिया. ऐसा लगता है कि पुलिस अब पहलवानों को दोबारा धरना स्थल पर आने की स्वीकृति नहीं देगी लेकिन इस संदर्भ में अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
पुलिस ने पहलवानों को चेताया था कि वे संसद की तरफ नहीं जाएं लेकिन वे आगे बढ़े जिसके बाद झड़प हुई. शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था. बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है.
जंतर-मंतर पर अफरातफरी के माहौल के बीच पहलवानों और पुलिस अधिकारियों के धक्का मुक्की भी हुई. पुलिस के मुताबिक, विनेश फोगाट, उनकी बहन संगीता फोगाट और साक्षी ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की. विनेश ने हिरासत में लिए जाने के प्रयास के दौरान कड़ा प्रतिरोध किया और संगीता उनसे लिपट कर सड़क पर लेट गई. पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कई अन्य पहलवानों और उनके समर्थकों के साथ घसीटते हुए बसों में बैठा दिया. कानून और व्यवस्था के विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने कहा, ‘‘उन्हें कानून और व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. हम जांच के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरी स्थिति का आकलन करने की आवश्यकता है। जैसा कि आपने देखा है कि बैरिकेड टूट गए हैं और वे अनुरोध और चेतावनी के बावजूद आगे बढ़ गए इसलिए हमने उन्हें यहां से हटा दिया है.’’ पाठक ने कहा, ‘‘अहम बात यह है कि सभी स्थितियों में शांति बनाए रखी जाएगी हम यह सुनिश्चित करने के लिए पेशेवर कदम उठाएंगे कि कुछ भी गलत नहीं हो.” इससे पहले पाठक ने पहलवानों से नए संसद भवन के उद्घाटन के ‘ऐतिहासिक दिन’ पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होने का आग्रह किया था.
पुलिस आयुक्त ने आगे कहा, ‘‘आज हमारी नई संसद का उद्घाटन है. यह हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन और गर्व का क्षण है. इसलिए इस दिन किसी भी प्रकार का आंदोलन या मार्च राष्ट्र-विरोधी है. किसी भी तरह से दिल्ली पुलिस कोई चूक नहीं करेगी. हम अपने खिलाड़ियों सम्मान और उन्हें प्यार करते हैं लेकिन किसी भी अप्रिय घटना की अनुमति नहीं दे सकते.’’ प्रदर्शनकारी पहलवानों और उनके समर्थकों को दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया.
बजरंग को मयूर विहार के समीप पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया है जबकि साक्षी बुराड़ी में है। विनेश और संगीता को कालकाजी ले जाया गया. पहलवानों के नए संसद भवन के सामने रविवार को ‘महिला सम्मान महापंचायत’ के आह्वान के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर सुरक्षा कड़ी कर दी थी. संसद भवन की नई इमारत का उद्घाटन रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. विनेश ने सबसे अधिक प्रतिरोध किया और बाद में बस से कहा कि उन्हें न्याय मांगने की सजा मिल रही है. उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी आजाद घूम रहा है, उसे सरकार पनाह दे रही है और देश के लिए पदक जीतने वाले हम खिलाड़ियों को देश की बेटियों के लिए न्याय मांगने के लिए अब जेल में डाला जा रहा है.नए देश में स्वागत है.’’
बजरंग का मानना है कि न्याय की मांग करने के लिए उनके साथ घोर अन्याय किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी का इतना दुस्साहस है कि वह पॉक्सो अधिनियम को बदलने की बात कर रहा है और आप उसके खिलाफ कुछ नहीं कर रहे हैं और यहां खिलाड़ी हैं जो हाथ जोड़कर न्याय की मांग कर रहे हैं और आप उनके साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं.’’ बजरंग ने कहा, ‘‘हमारे 2000 से अधिक समर्थकों को हिरासत में लिया गया. हर जगह तानाशाही चल रही है.’’ बाद में उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘क्या कोई सरकार देश के चैंपियनों के साथ ऐसा व्यवहार करती है? हमने क्या अपराध किया है?’’
साक्षी ने भी सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ अपना गुस्सा निकालने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. इस ओलंपिक पदक विजेता ने लिखा, ‘‘हमारे चैंपियंस के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। दुनिया हमें देख रही है. यौन शोषण करने वाला बृजभूषण आज संसद में बैठा है और हमें सड़क पर घसीटा जा रहा है. भारतीय खेलों के लिए दुखद दिन है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या देश के लिए पदक जीतना गुनाह था? अगर हां, तो हमें फांसी पर लटका दो.’’
संसद भवन से करीब दो किलोमीटर दूर बैठकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कहा था कि वे किसी भी कीमत पर नए संसद भवन के पास अपनी ‘महापंचायत’ करेंगे. पहलवानों द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में जब पुलिस उन्हें वाहन में ले जा रही थी तो साक्षी के पति सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा को कई अन्य लोगों के साथ ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है.
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